*करोड़ों रुपए व्यय करने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के आभाव के दौर से गुजर रहा राजस्व विभाग*
जयसिंहनगर ,तहसील इन दिनों मशीनरी संकट से जूझ रहा जहा शासन ने तहसील कार्यालय को सुव्यवस्थित एवं सुसज्जित करने हेतु भले ही करोड़ों रुपए व्यय कर दी हो लेकिन जिम्मेदारों के उदासीन रवैया के कारण सरकारी मशीनरी में अब जंग लग रहा है क्युकी जब दलालों के माध्यम से कार्य संपादित कराना हो तो मसीनरी में जंग लगना लाजमी हो जाता है
बताया गया की विगत कई महीनो से तहसील कार्यालय जयसिंहनगर में स्थापित समस्त फोटो कॉपी मशीन अब धूल फांक रही है,जिससे तहसील कार्यालय में होने वाले शासकीय दस्तावेजों की छाया प्रति अब बाहर संचालित दुकानदारों से करवाई जाती है जिससे शासकीय कोष की भी छती हो रही है एवम गोपनीय दस्तावेजों के गोपनीयता भी लगातार भंग हो रही है जिसका फायदा वहा पर बैठे अनाधिकृत दलाल आसानी से उठा रहे हैं खुद तहसील जयसिंहनगर में पदस्थ प्रभारी तहसीलदार ने बताया की उनके यहां की सारी फोटो कॉपी मशीन बंद पड़ी है लेकिन प्रभारी तहसीलदार ये भूल गए की जो प्रतिदिन हजारों रुपए का शासकीय ईंधन व्यर्थ में उड़ा देते है ओ आज तक एक बंद पड़ी मसीन को दुरुस्त कराने के जरूरत नही समझा क्युकी ये प्रभारी तहसीलदार की उदाशीन रवैए का जीवंत उदाहरण है आगामी सप्ताह में त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव का आगाज भी होने जा रहा है लेकिन इस तरह की लचर व्यवस्था कही निर्वाचन संबंधी गोपनीयता को भी भंग न कर दे शायद ऐसा वाकया यदा कदा ही सुनने को मिलता होगा लाखो रुपए की सेलरी पाने वालें जिम्मेदार अधिकारियों का जब अपने कार्यालय के प्रति इस तरह से बेरुखी हो तों कैसे सुशासन का सपना होगा साकार ऐसे गैर जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों से शुसासन की उम्मीद करना बेमानी होगा,
शहडोल से ब्यूरो चीफ बीके तिवारी की रिपोर्ट