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डिंडौरी म प्र.  मनमानी: बगैर निर्माण कराये सप्लायर को किया 14 लाख

डिंडौरी म प्र.

 मनमानी: बगैर निर्माण कराये सप्लायर को किया 14 लाख

 

 

 

 

 

सरकारी धन की लूट हैं, लूट सको तो लूट की नीति पर चल रहे आरईएस के एसडीओ एवं कार्यपालन यंत्री

काजवेकम स्टापडेम में सामग्री के नाम पर 14 लाख रुपये का फर्जी भुगतान

 

 

डिंडौरी। आरईएस विभाग में दशकों से पदस्थ एसडीओ गीता आर्मो के द्वारा विकास कार्यो के नाम पर बड़े पैमाने पर की गई अनियमितता की जानकारी जनप्रतिनिधियों के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को भी है लेकिन आखिर ऐसा क्या दवाब हैं की भ्रष्टाचार के दलदल में आकंठ डूबे अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने में जिम्मेदार परहेज कर रहे हैं।

 

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार एसडीओ गीता आर्मो जिले में लगभग 17 वर्षो से जमे हुए हैं, अब तक इनके द्वारा कराये गए विभागीय कार्यो की उच्च स्तरीय जांच कराया जाए तो सैकड़ो कार्य जमीन पर दिखेंगे भी नही..? और सैकड़ो कार्य भ्रष्टाचार की कहानी स्वयं बयां करते दिखाई देते हैं लेकिन आदिवासी बहुल डिंडौरी जिले में भ्रष्ट अधिकारियों की मौज हैं और वह खुलकर चांदी काटने में लगे हुए हैं। अगर इनकी कार्यो का ईमानदारी से जांच किया जाए तो अरबो रुपये का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।

 

 *काजवे कम स्टापडेम का बगैर निर्माण कराये 14 लाख का भुगतान* 

 

आरईएस विभाग के द्वारा डिंडौरी जनपद पंचायत अंतर्गत पडरिया कला में 49 लाख 49 हजार रुपये की लागत से काजवे कम स्टापडेम कार्य खाटी डूब नाला में स्वीकृत किया गया है,जिसमें कार्य के नाम पर महज सिर्फ नीव की खुदाई ही कि गई है और 244312 रु मजदूरी में और 1409314 रु.सामग्री की सप्लायर को भुगतन करीब आठ माह पहले ही कर दी गई है। ग्रामीणों ने बताया कि काम के नाम पर सिर्फ मशीन से नीव खुदाई कराया गया है, कार्य में कही भी रेत,गिट्टी,और सीमेंट का उपयोग एक रत्ती नही किया गया है, ऐसे में सवाल उठता है कि आरईएस विभाग के अधिकारियों को नियम – निर्देशो की कोई परवाह नहीं है, सप्लायरों को आगे कर ठेकेदारी के आड़ में चांदी काट रहे एसडीओ और उपयंत्री सरकार को पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं, बेखोफ भ्रष्टाचार के अभ्यस्त अधिकारी सरकारी खजाने में सरेआम डाका डाल कर अपनी झोली भर रहे हैं।

 

 

 *फरवरी-मार्च में 14 लाख रुपये का फर्जी भुगतान* 

 

एक तरफ व्यापारी मनरेगा के निर्माण कार्यो में सामग्री देकर भुगतान के लिए वर्षो तक परेशान होते रहते हैं वही दूसरी ओर आरईएस विभाग के अधिकारी और उपयंत्री जो सप्लायरों के आड़ में ठेकेदारी कर रहे हैं वह कार्यो के नाम से कार्य प्रारंभ होने के पूर्व ही लाखों रुपये अग्रिम रूप से फर्जी आहरण कर निजी स्वार्थ सिद्ध करते हैं, वही चर्चा है कि अधिकारी भ्रष्टाचार कर सरकार को पलीता लगाते हुए सब्सिडी जैसे लाभ उठा रहे हैं। उक्त कार्य के नाम पर फरवरी 2022 में दिनाँक 15 फरवरी 22,20 फरवरी 22 एवं 29 मार्च 22 को क्रमशः 1409314 रु का भुगतान एसडीओ और कार्यपालन यंत्री के मुखोटा चहेते सप्लायर को भुगतान किया गया है, जबकि कार्यस्थल में पाइप और महज 4 डम्फर गिट्टी पड़ी हुई है। वही दूसरी तरफ मनरेगा में जिन सप्लायरों ने हकीकत में सामग्री प्रदान किया हैं वह लोग विभाग और जनपदों के चक्कर लगाने पर मजबूर हैं।

 

 

 *कार्यपालन यंत्री और एसडीओ को फर्जीवाड़े में महारथ* 

 

17 वर्षो से जमे एसडीओ कार्यपालन यंत्री के संरक्षण मंक फर्जीवाड़ा कर सरकार को पलीता लगाने में महारथ हासिल है, पडरिया कला के खाटी डूब नाला में काजवे कम स्टापडेम स्वीकृत किया जाना दर्शाया गया है किंतु काम नए गाँव के पास छुल्ला नदी में कराया जा रहा है, सूत्र बताते हैं कि कथित अधिकारी एक कार्य के दो वर्क आईडी बनाकर करोड़ो रूपये डकारने में महारथ रखते हैं, इनके द्वारा स्वीकृत कार्यो को ढूढ पाना आसान नहीं है चूंकि स्वीकृत स्थान कही दर्शाया जाता है तो वही कार्य कहि अलग अलग स्थानों पर कराया जाता है।

 

 

 *सीएम के मंशा पर पानी फेर रहें भ्रष्टाचारी अधिकारी* 

 

एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोरलेन्स की राग अलाप रहे हैं वही दूसरी और मैदानी अमला खुलकर फर्जीवाड़ा करते हुए सीएम के कथनी और करनी में अंतर बता रहे हैं। सरकार के मंशा के विपरीत कार्य करते हुए शासन की छवि धूमिल कर रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए कार्यपालन यंत्री डीएस बघेल से संपर्क किया गया किन्तु उन्होंने कोई जानकारी देने से इंकार करते हुए अनभिज्ञता जाहिर की हैं।

 

 

 

इनका कहना है,,,,

उक्त कार्य की सामग्री का अम्रत सरोवर में उपयोग कर लिया गया है, जल्द ही कार्य शुरू कराया जाएगा।

गीता आर्मो,एसडीओ आरईएस

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