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अगर आप भी कर रहे हैं Google Chrome का इस्तेमाल तो हो जाइए सावधान , आपका मोबाइल हैकर्स के निशाने पर है जानिए कैसे

अगर आप भी Google Chrome का पुराना वर्जन इस्तेमाल कर रहे हैं, तो जल्द ही इसे अपडेट कर लें. 1 फरवरी को गूगल की ओर से दी जानकारी में बताया गया था कि लेटेस्ट अपडेट रोलआउट कर दिया गया है और यह यूजर्स तक आने वाले दिनों में पहुंच जाएगा. विंडोज यूजर्स के लिए लेटेस्ट वर्जन Chrome 98.0.4758.80/81/82 है, जबकि macOS और Linux यूजर्स के लिए 98.0.4758.80 लेटेस्ट वर्जन है.
हालांकि, गूगल ने इन दिक्कतों और बग्स को दूर करने के लिए एक अपडेट जारी कर दिया है. बग्स फिक्स की डिटेल्स नहीं बताई गई हैं. गूगल ने बताया है कि लेटेस्ट अपडेट सिक्योरिटी से जुड़ी 27 दिक्कतों को दूर करता है. रिपोर्ट्स की मानें तो ज्यादातर लोगों तक लेटेस्ट अपडेट पहुंच जाने के बाद ही बग्स से जुड़ी डिटेल्स शेयर की जाएंगी.
 Google क्रोम ब्राउजर में मौजूद कई कमजोरियों (vulnerabilities) के कारण भारत सरकार ने यूजर्स को साइबर अटैक की चपेट में आने की चेतावनी दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम (CERT-In) ने टारगेटेड अटैक्‍स से बचने के लिए यूजर्स को क्रोम ब्राउजर को अपडेट करने की सलाह दी है। कहा है कि हैकर अनियंत्रित (arbitrary) कोड का इस्‍तेमाल करके सिस्टम तक पहुंच प्राप्त कर सकता है। इस महीने की शुरुआत में गूगल (Google) ने क्रोम 98 में वल्नरबिलिटी को ठीक किया था। CERT-In ने इस मामले की गंभीरता को ‘हाई’ कैटिगरी में रखा है। 
 Google Chrome एंड्रॉयड और आईओएस के लिए पासवर्ड सिक्योरिटी और अन्य सेफ्टी फीचर्स संबंधी सुधार लेकर आई है। अगर आपके सेव किए गए पासवर्ड के साथ छेड़खानी होती है, तो ब्राउज़र आपको तुरंत अलर्ट करते हुए पासवर्ड बदलने का फोर्म भेजेगा। Chrome आपके यूज़रनेम और पासवर्ड की एक कॉपी को सुरक्षित फॉर्मेट में Google को भेजेगा, जिसके बाद गूगल उस सुरक्षित फॉर्मेट में से आपके यूज़रनेम और पासवर्ड को बिना निकाले, छेड़छाड़ की गई जानकारी की जांच करेगा।

 

 

टेक्नोलॉजी दिग्गज ने ने वेब स्टैंडर्ड के लिए सपोर्ट जोड़ा है, जो वेबसाइट्स को पासवर्ड बदलने का यूआरएल देने का काम करता है। इससे यूज़र्स के पासवर्ड बलने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस स्टैंडर्ड के उपयोग से क्रोम यूज़र्स को उनके पासवर्ड से छेड़छाड़ होने का अलर्ट देगा और उसके तुरंत बाद उन्हें सीधा उस वेबपेज पर ले जाएगा, जहां वे अपना पासवर्ड बदल सकते हैं।
गूगल ने Chrome 86 में कुछ और फीचर्स भी पेश किए हैं, जिन्हें यूज़र सिक्योरिटी में सुधार करने के लिए जारी किया गया है। एंड्रॉयड के लिए पहले से बेहतर सुरक्षित ब्राउज़िग फीचर को भी जारी किया गया है, जिसके जरिए क्रोम आपको सेफ ब्राउजिंग सर्विस के साथ रीयल-टाइम डेटा शेयरिंग के जरिए फिशिंग, मैलवेयर और अन्य खतरनाक साइटों से सुरक्षा प्रदान करेगा। गूगल ने इस साल की शुरुआत में डेस्कटॉप के लिए एन्हैंस्ड सेफ ब्राउजिंग को जारी किया था और एक ब्लॉग पोस्ट में जानकारी दी थी कि प्रीडिक्टिव फिशिंग प्रोटेक्शन ने फिशिंग साइटों में अपने पासवर्ड टाइप करने वाले यूज़र्स की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट देखी।

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