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नेवरा।फेडरेशन के पदाधिकारियों का वेतन मांग बना बेतुका और हास्य

रायपुर में 11 दिसम्बर से शुरू हुए आंदोलन के बाद 13 दिसम्बर को विधानसभा घेराव के लिए रायपुर में एकत्रित हुए।फेडरेशन के पदाधिकारियों का वेतन विसंगति को दुर करने की मांग का तरीका बहुत ही अतार्किक, बेतुका और हास्यसप्रद लगा। जब से शिक्षकों का संविलियन हुआ है तभी से वेतन विसंगति का मार झेल रहे सहायक शिक्षक अब शिक्षक एवं ब्याख्याता के वेतन की बराबरी का वेतनमान मांग रहे हैं,यह तो सही है परऔरहमारा वेतन नहीं बढ़ा सकते हो तो उनका वेतन कम कर दो यह कैसी मांग है। अपना वेतन न बढने पर उच्च पद वालों का वेतन कम कर दो ऐसा विचित्र मांग शायद इतिहास में किसी ने नहीं किया हो।इस से यह बात स्पष्ट हो रहा है कि सहायक शिक्षकों को शिक्षक और ब्याख्याता के ज्यादा वेतन से परेशानी है!अपने वेतन विसंगति से कम परेशानी है!यह भावना सहायक शिक्षकों में संविलियन होने के बाद से ही है।समय समय पर इनके द्वारा आरोप लगाया जाता है कि शिक्षक और ब्याख्याता ही हमारे वेतन विसंगति के जिम्मेदार है।वेतनमान का निर्धारण वेतन आयोग द्वारा किया जाता है!बावजूद इस प्रकार का विचार निन्दनीय है।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन इस विचार और इस तरह बेतुके मांग की निंदा करता है। यह बात छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन विकास खंड तिल्दा के अध्यक्ष गोपाल प्रसाद वर्मा ने कहा है और बताया कि सभी शिक्षक और व्याख्याता इससे आक्रोशित है।

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