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फेक वैक्सीनेशन कैंप केस:2000 हजार से ज्यादा लोगों को नकली वैक्सीन लगाने वाले गिरोह का मुख्य सरगना बारामती से गिरफ्तार, हो सकते हैं कई बड़े खुलासे

फेक वैक्सीनेशन कैंप केस:2000 हजार से ज्यादा लोगों को नकली वैक्सीन लगाने वाले गिरोह का मुख्य सरगना बारामती से गिरफ्तार, हो सकते हैं कई बड़े खुलासे

मुंबई

 

जांच में सामने आया है कि आरोपी बारामती में एक गांव में छिप कर रह रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुणे पुलिस की भी मदद ली गई।

मुंबई में 2 हजार से ज्यादा लोगों को फेक वैक्सीन लगाने वाले गिरोह के सरगना को पुलिस ने आखिरकार शुक्रवार को अरेस्ट कर लिया है। आरोपी की पहचान बारामती के रहने वाले राकेश पांडे के रूप में हुई है। राजेश पांडेय सोसाइटीज नमें जाकर पहले उनका विश्वास जीतात था और फिर पैसे लेकर फेक वैक्सीनेशन सेंटर का आयोजन करता था। अब तक मुंबई और ठाणे में फेक वैक्सीनेशन कैंप की 10 से ज्यादा FIR दर्ज हो चुकी है। अबतक इस केस में 12 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है।
मामले की जांच करने वाली मुंबई पुलिस का कहना है कि इस गोरखधंधे में कुछ हॉस्पिटल्स के शामिल होने के भी सबूत मिले हैं। पांडे मुंबई के अंधेरी में स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल का पूर्व कर्मचारी था। पांडेय सेल्स डिपार्टमेंट में काम करता था। इस कारण इस तरह के काम का उसे पुराना अनुभव है।
हॉस्पिटल की आधिकारिक ID का करता था इस्तेमाल
जांच में सामने आया है कि किसी को शक न हो, इसलिए वह फेक वैक्सीनेशन कैंप के लिए अस्पताल की आधिकारिक ईमेल आईडी का इस्तेमाल करता था। हीरानंदानी का मामला सामने आने के बाद से पांडेय फरार हो गया था। हॉस्पिटल ने भी उसके बारे में जानकारी मिलते ही उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया था।
कैमरे में कैद हुई थी राकेश की तस्वीरें
पुलिस को जांच के दौरान राकेश पांडे के बारे में पता चला था। कई सोसाइटीज में हुए वैक्सीनेशन कैंप के दौरान उसके तस्वीरें भी CCTV कैमरों में कैद हुई थी। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। कुछ देर में उसे मुंबई लाया जाएगा और बाद में पुलिस हिरासत में अदालत में पेश किया जाएगा।
हो सकते हैं कई बड़े खुलासे
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राजेश पांडेय का बयान काफी अहम है और वह फर्जी टीकाकरण के बारे में बहुत कुछ बता सकता है। इस मामले में विशेष एसआईटी अब उन खाली शीशियों की तलाश कर रही है जिनका इस्तेमाल नकली टीकाकरण अभियान चलाने के लिए किया गया था।
ऐसे हुआ था फेक वैक्सीनेशन का खुलासा
30 मई को मुंबई की हीरानंदानी हाउसिंग सोसाइटी परिसर में 390 लोगों को कोवीशील्ड का टीका लगाया गया। हर डोज के लिए 1,260 रुपए लिए गए। सोसाइटी की ओर से कुल 4 लाख 91 हजार 400 रुपए का भुगतान किया गया। राजेश पांडे ने खुद को कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल का प्रतिनिधि बताते हुए सोसाइटी कमेटी के सदस्यों से संपर्क किया था। इस अभियान का संचालन संजय गुप्ता ने किया, जबकि महेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने सोसाइटी के सदस्यों से पैसा लिया था।
न मैसेज आया, न फोटो लेने दी
टीका लगने के बाद सोसाइटी के लोगों के मोबाइल पर किसी भी तरह का मैसेज नहीं आया। इसके अलावा टीका लगवाने के दौरान किसी को सेल्फी या फोटो खींचने की अनुमति नहीं दी गई। किसी को भी रिसीव्ड या सर्टिफिकेट नहीं दिया गया। 10-15 दिन बाद प्रमाण पत्र आए तो वे अलग-अलग अस्पतालों जैसे नानावटी, लाइफ लाइन, नेस्को BMC टीकाकरण केंद्र की ओर से जारी किए गए थे। इस मामले में संबंधित अस्पतालों से संपर्क किया तो उन्होंने सोसाइटी को टीके उपलब्ध कराने से इंकार किया। इसके बाद सोसाइटी के सदस्यों ने संदेह जताते हुए इस मामले में केस दर्ज करवाया था।

Bureau Chief-
साकिब हुसैन
INDIAN TV NEWS
मुंबई
www.indiantvnews.in

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