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हरि चिंतन से मनुष्य हो जाता है भवसागर से पार-“नवीन आचार्य”

हरि चिंतन से मनुष्य हो जाता है भवसागर से पार-नवीन आचार्य
बांदरीः- थाना प्रागंण बांदरी में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथा पंडित नवीन आचार्य ने कहा कि हरि के चितन से मनुष्य सारी चिंताओं से मुक्त हो जाता है और जनम मरण के चक्रव्यू से मुक्त होकर भवसागर से पार हो जाता है। भगवान के 24 अवतारों को कथा आचार्य ने विस्तृत रूप से बताया, एवं राजा पारीक्षित, सुखदेव संवाद के बारे में बताया। नवीन आचार्य ने कहा कि माता रानी की कृपा एवं नगर वासियों को पिछले लगभग दस वर्षो से थाना प्रागंण में नवरात्रि के पावन पर्व पर श्रीमद भागवत कथा श्रवण कराने का सोभाग्य प्राप्त हो रहा है।
थाना प्रागंण बांदरी में अनुठा लगा है मां का दरबार
चौथे दिन माता के कुष्मांडा रूप की हुई विशेष पूजा अर्चना
बांदरीः- नवरात्रि के चौथे दिन माता दुर्गा के कुष्माडा रूप की पूजा की जाती है अपनी मंद मुस्कान द्वारा ब्राहमांड की उत्पत्ति करने के कारण देवी इस को कुष्मांडा कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि जब दुनिया नही थी, तब इस देवी ने अपनी हास्य से ब्राहमांड की रचना की, इसलिए इन्हे सृष्टि की आदिशक्ति कहा गया। पंडित धनप्रसाद शास्त्री ने बताया कि मां के इस रूप की उपासना भक्तो को सिद्धिया मिलती है, इस दिन माता को मालपुआ चढ़ाया जाता है, इससे बुध ग्रह मजबूत होता है और बुद्धि प्रखर होती ह । इंडिया टीवी से शहजाद खान ब्यूरो चीफ सागर

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