महिला ने दम तोड़ा, परिजन ठेले पर लेकर गए शव
एक बीमार महिला को न तो इलाज मिला और न ही एंबुलेंस और मरने के बाद न शव वाहन। सिस्टम से निराश महिला के परिजनों को आखिरकार शव हाथ ठेले पर रखकर ले जाना पड़ा।
पथरिया (दमोह)। स्वास्थ्य आपातकाल यानी कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का क्या हाल है इसका एक और नज़ारा दमोह के पथरिया में देखने को मिला है। जहां एक बीमार महिला ने इलाज के आभार में दम तोड़ दिया।
जहां एक बीमार महिला को न तो इलाज मिला और न ही एंबुलेंस और मरने के बाद न शव वाहन। सिस्टम से निराश महिला के परिजनों को आखिरकार शव हाथ ठेले पर रखकर ले जाना पड़ा।
पथरिया नगर के वार्ड क्रमांक छह की रहने वाली पैंतालीस वर्षीय महिला कलावती पति परसराम को उपचार नहीं मिल सका।
अस्पताल में घंटों तक परिजन बीमार महिला को लेकर डॉक्टरों का इंतजार करते रहे। इसके बाद जब डॉक्टर आए तो उन्होंने बिना इलाज के ही उन्हें जाने को कहा।
डॉक्टरों ने परिजनों से कहा कि फिलहाल वे सभी कोविड केयर सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिसके चलते वह मरीज का सही उपचार नहीं कर पाएंगे।
उक्त महिला की दो दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। जिसके बारे में उसने डॉक्टरों को बताया लेकिन इसके बावजूद डॉक्टरों ने उसे कोई ठोस उपचार नहीं दिया। इसके बाद महिला की मौत हो गई।
महिला के परिजनों का आरोप है कि यदि समय पर उपचार मिल जाता तो कलावती बच सकती थीं। लेकिन डॉक्टर कोविड-19 सेंटर में व्यस्त रहने के चलते, महिला ने दम तोड़ दिया।
इससे पहले मरीज के परिजन मरीज को दमोह ले जाना चाहते थे लेकिन निजी एंबुलेंस संचालक ने पांच हज़ार रुपये की मांग की। परिजनों के पास इतने पैसे नहीं थे। जिसके चलते एंबुलेंस भी नहीं मिली।
महिला की मौत अस्पताल में हो जाने के बाद उसे शव वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके चलते मजबूरी बस हाथ ठेले पर रखकर शव को अपने घर तक ले गए।
कोरोना काल में ऐसी तस्वीरें लोगों को झकझोर रही हैं। स्वास्थ्य तंत्र की मज़बूती की पोल चुकी है। इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कई बार बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
ब्यूरो चीफ – लखन ठाकुर , सुनील पटेल पथरिया जिला दमोह मध्य प्रदेश