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समितियों के गठन की बैठक निरस्त, सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर हुआ विवाद

मो0 सफर की रिपोर्ट
डिंडौरी। गुरुवार को जनपद कार्यालय में समितियों के गठन को लेकर बैठ आयोजित की गई। बैठक में पीठासीन अधिकारी भी मौजूद रहे, लेकिन बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। एक तरफ अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित नो सदस्य तो भाजपा के बीच न तो सर्वसम्मति से और न ही वोटिंग के जरिए समिति के गठन को राजी हुए। पीठासीन अधिकारी ने समितियों के गठन की बैठक को निरस्त कर दिया।

निर्माण समिति के गठन को लेकर टकराव
जनपद सभाकक्ष में समिति के गठन को लेकर प्रक्रिया शुरू की गयी, तो पहले निर्माण समिति के गठन की बात हुई। गोंडवाना समर्थित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष अपने सदस्य को सभापति बनाना चाहती थी, जिसका भाजपा के नो सदस्यों ने विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध इतना बढ़ा कि नो जनपद सदस्य सभाकक्ष से उठकर बाहर चले गए। पीठासीन अधिकारी और निर्वाचन में लगे अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन दोनों पक्ष न तो सर्वसम्मति से और न ही वोटिंग से समितियों के गठन को राजी हुए।

अध्यक्ष का आरोप विपक्ष विकास कार्य मे बना रोड़ा
जनपद अध्यक्ष आशा सिंह धुर्वे ने भाजपा के 9 जनपद सदस्यों पर विकास काम में बाधा बनने का आरोप लगाया है। अध्यक्ष ने कहा कि हमने भी प्रयास किया कि वोटिंग से ही समितियों का गठन करा लिया जाए, लेकिन विपक्ष के जनपद सदस्य मानने को तैयार नहीं हैं। वहीं विपक्ष की जनपद सदस्य कीर्ति गुप्ता ने कहा कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 9 जनपद सदस्य अपने अपने सदस्यों को सभापति बनाने में लगे हैं। सभी बड़ी बड़ी समितियों में अपने सदस्य सेट कर रहे हैं। समितियों के गठन के लिए नियुक्त किए गए पीठासीन अधिकारी तहसीलदार गोविंद राम सलामे ने सुलह न बनते देख बैठक की कार्यवाही को निरस्त कर दिया।

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