Follow Us

कम संसाधन फिर प्रतिभा को निखारा मथुरा की बेटी अनुष्का ने

कम संसाधन फिर प्रतिभा को निखारा मथुरा की बेटी अनुष्का ने।
संवाददाता मोहित सैन, मथुरा।
आँखों पर पट्टी बांध दोनों हाथों से लिखना व उसे पढना
दोनों हाथ से लिखने वाली अनुष्का सूंघकर पढ़ व रंगों की पहचान भी कर सकती है
मथुरा। हम सब को एक हाथ से लिखना ही कितना मुश्किल होता है मगर जब हम किसी बच्चे को दोनों हाथों से एक साथ लिखते देखते हैं तो आष्चर्य होता है। साथ ही अगर आप से कोई कहे कि आंख बन्द करके रंग बता दो, सूंघकर किताब पढ़ दो तो शायद आपको मजाक लगेगा, लेकिन यह सच है। आजकल राइट ब्रेन एजुकेशन नामक इस विद्या का उपयोग बच्चों के दिमाग को ओर विकसित करने के लिए हो रहा है।
लेकिन अनुष्का ने कहीं से भी इसकी कोई शिक्षा नहीं ली न ही कोई ट्रेनिंग ली है। अनुष्का अपने दोनों हाथों से एक साथ लिख सकती है, एक वार सीधे हाथ से फिर उल्टे हाथ से या दोनों से एक साथ लिख सकती है साथ ही अनुष्का अपनी दोनों आँखों को बन्द करके रंग बता सकती है तथा सूंघकर किताब पढ़ सकती है। जिस समय वह लिखती हैं लगता है कि वह सीधे शब्द ही लिख रही हैं, लेकिन उसका लिखा शब्द उल्टा होता है और वह उन्हें लिखने के बाद सामान्य शब्दों की तरह सीधा पढ़कर सुनाती हैं। बैसे तो एक साथ दोनों हाथों से लिखने वाले कई बच्चे देश में हो सकते हैं लेकिन आँखों पर पट्टी बांध कर किसी भी किताब से या अन्य कोई मेटर को हाथों से स्पर्श करके पढना ही अपने आप में कमाल है।
हमारे देश के बच्चों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। अनुष्का भी उनमें से एक है जो एक ऐसी कला में माहिर है जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। जिस उम्र में बच्चों को खुली आंखों से किसी चीज को पढने और पहचानने में दिक्कत होती है उस काम को यह बच्ची आंखों पर पट्टी बांध कर करती है।
मथुरा के राधिका बिहार के निकट दुर्गा पुरी कालोनी की रहने वाले अनुष्का गोस्वामी एक साथ दोनों हाथों से लिखती हैं। आपको लगेगा कि इसमें नया क्या है ऐसा तो बहुत से लोग कर लेते हैं परन्तु अनुष्का की खासियत यहीं पर खत्म नहीं होती वो एक हाथ से लिखते-लिखते दूसरे हाथ से भी अंग्रेजी या हिन्दी में लिख लेती हैं। उसकी इस प्रतिभा को देखकर हर कोई हैरत में है, अनुष्का इससे भी अलग पहचान रखती है आँखों पर पट्टी बांध कर वह सूंघकर व हाथ के स्पर्श से पढ़ भी सकती है तथा रंगों की पहचान करने के साथ सामने बैठे व्यक्ति ने किस रंग के कपड़े पहन रखे हैं वह आँखों पर पट्टी बांध कर बता भी सकती है।
बेहद साधारण परिवार में जन्मी अनुष्का अब 17 वर्ष की है बातचीत में अनुष्का ने बताया की वह ट्यूशन पढाती है और टीचर बनने की इच्छा रखती है, उसने बताया कि जब वह चार या पाँच साल की थी। तब वह अपने छोटे भाई के साथ खेलते-खेलते इसका अभ्यास कर रही थी, साथ ही आई साइड बीक होने के चलते उसने पहली बार दोनों हाथों से लिखना शुरू किया था, शुरुआत में वो एक ही भाषा को दोनों हाथों से एक साथ लिखती थी, लेकिन अब वह दोनों भाषाओं को दोनों हाथों से लिख सकती है।
रेडीमेड गारमेन्ट्स का कार्य करने वाले अनुष्का के पिता अंकुर गोस्वामी कहते हैं कि उसकी इस प्रतिभा पर उनको व उसकी माँ को पहले तो विष्वास ही नहीं हुआ जब उन्होंने अपनी बेटी को दोनों हाथों से लिखते देखा तो वह आष्चर्य में पड़ गये। इस प्रतिभा के साथ उसमें निरन्तर निखार आता जा रहा है। यही नहीं अनुष्का दोनों हाथ यानी उलटा व सीधे हाथ से लिखने के साथ-साथ कमरा बन्द कर अपना चष्मा उतार कर अंधेरे में ड्रोईंग बनाने का काम भी आसानी से कर लेती हैं जब कि उसे चष्मा उतारने के बाद कुछ भी साफ दिखाई नही देता है। बिना चष्में के वह किसी को पहचान भी नही सकती है। साथ ही घर में आने वालों ने किस रंग के कपड़े पहन रखे हैं उसे ठीक-ठीक बता देना और बन्द आँखों से किसी रंग को पहचान लेना अनुष्का में खास प्रतिभा उसे भगवान की विशेष कृपा से ही मिली है।
मूल रूप से मथुरा के राधिका बिहार के समीप दुर्गा पुरी कालोनी में रहने वाले अंकुर गोस्वामी की दो संतानों में अनुष्का गोस्वामी बड़ी बेटी है तथा उसका एक छोटा भाई भी है। अनुष्का की मां मीठू गोस्वामी का कहना है कि बचपन से ही बेटी पढ़ाई में होशियार है। जिस उम्र में बच्चे गुड्डे गुड़ियों से खेलने का शौक रखते हैं उस उम्र में उनकी बेटी कॉपी-पेन लेकर लिखने बैठ जाती थी तथा ड्रोइंग भी बनाती थी, विलक्षण प्रतिभा की धनी अनुष्का आगे चलकर एक टीचर बनना चाहती है।
विलक्षण प्रतिभा की धनी अनुष्का आंखें बंद करके और केवल सूंघकर ही रंगों की पहचान करने के अलावा कुछ भी पढ़ने में पूरी तरह से सक्षम हैं। इस अदभुत कला के चलते लोगों के बीच यह कोतुहल का कारण बनी हुई है। पढ़ाई में नॉर्मल है, खाली टाइम में ड्राइंग करती है, बिना चश्मे के किसी को पहचानना उसके लिए मुश्किल होता है परन्तु पट्टी बांध कर बता सकती है कि कौन बैठा है। जो अपने दोनों आँखों को बंद करके न केवल रंगों की पहचान कर लेती है। बल्कि किताब या अखबार सहित कहीं भी कुछ भी लिखा हो उसको व अक्षरों को आसानी से पढ़ लेती है। यहां तक कि मौबाइल में लिखें को भी आसानी से पढ़ सकती है। अनुष्का में यह सब अपने स्वतं ही आया है, यह बचपन से धीरे-धीरे अभ्यास करते-करते इस प्रतिभा को अनुष्का अपने अन्दर समेट पाई है।
इन दिनों बच्चों में इस विद्या का काफी क्रेज बढ़ रहा है। जिससे हम आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़ाई करने, रंग पहचानने सहित अन्य कार्य कर सकते है। इस विद्या को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों की पढाई का समय घटाना है। राइट माइंड एजुकेशन लेने के बाद बच्चे की स्मरण शक्ति, पढ़ने की क्षमता, बौद्धिक ज्ञान का स्तर आश्चर्य जनक तरीके से बढ़ जाता है। जिससे बच्चे को आठ नौ घण्टे पढ़ने की जरुरत नहीं होती, वह दो तीन घण्टे में ही पर्याप्त पढ़ाई कर सकता है।

Leave a Comment