Follow Us

कटरा-श्रावस्ती। शारदीय नवरात्र के अवसर पर क्षेत्र में दुर्गा महोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है

कटरा-श्रावस्ती।

 

शारदीय नवरात्र के अवसर पर क्षेत्र में दुर्गा महोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर दुर्गा पूजा पंडाल में भक्तिमय वातावरण में शुक्रवार की रात को कवियों ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।

 

 

 

 

 जेएमडी नव दुर्गा समिति द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। सर्व प्रथम पण्डित श्याम जी शुक्ल के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। श्रावस्ती की ऋचा मिश्रा ने मां सरस्वती की वाणी वंदना ‘शारदे भवानी माता ज्ञान की हो देवी मैय्या

 

 

हम पर उपकार सदा कर देना मां 

लेखनी में धार रहे लक्ष्य उपकार रहे

मेरी झोली कृपा से तू ही भर देना मां की पाठ करके कविता पाठ शुरू किया। बलरामपुर से आए श्रेयश त्रिपाठी ने भारत देश की व्याख्या करते हुए पढ़ा कि अतुलित गर्वित वीर विभूषित दिव्य तिलक यह माटी,,मृदुलित वर्णित पुण्य प्रज्ज्वलित भारत की परिपाटी ।

इसी प्रकार से लवकुश की जन्मस्थली सीताद्वार से आए कवि नीरज शुक्ला नालायक ने भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए हास्य व्यंग की अवधी कविता

अपने कब्जा मा सरकारी नाला करौ।

चारि छः ठौ लफंगन का पाला करौ,,

 लै असिरबाद जनतक विधायक बनौ।

बनिकै मंत्री करोड़ोंक घोटाला कलौ।। सुनाकर श्रोताओं को ओत प्रोत कर दिया।

दिल्ली से आए कवि रचनाकार/साहित्यकार मनोज मिश्रा कप्तान ने अवधी भाषा में कविता पाठ करके कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। राम मन्दिर पर मुकदमे के ऊपर कविता पाठ करते हुए कहा कि मुकदमा जीत गए हैं राम….

सवा अरब की आंखें छलकीं सुनकर ये परिणाम।

      मुकदमा जीत गये हैं राम।

जन-जन का ईमान खड़ा था।

मर्यादित सम्मान खड़ा था।

एक वाक्य में बात कहूं तो,

सारा हिंदुस्तान खड़ा था।

बिना किसी की हार, बुरे दिन बीत गये हैं राम।

        मुकदमा जीत गये हैं राम।

 

करते हैं हम सबका आदर।

ईसा मूसा अन्य बिरादर।

रखते सबसे भाईचारा,

ओढे समरसता की चादर।

आखिर में वह दिन भी आया।

राम ही जाने राम की माया।

धरती के न्यायाधीशों ने,

ईश्वर को फैसला सुनाया।

सवा अरब की आंखें छलकीं, सुनकर ये परिणाम।  

  मुकदमा जीति गये हैं राम।

कार्यक्रम के अन्त में मनोज मिश्रा कप्तान ने धरना प्रदर्शन के ऊपर कविता पाठ कि…..

रोज-रोज धरना पे बैठि देखि बाबा जी का,

शासन-प्रशासन कुटासन मा लागिगे। 

दंड कै प्रहार ऊ कपार फार मार देखि,

किहिन गुहार किंतु साथी साथ त्यागिगे।

चलै लाग मुक्का लाठी,छोड़ि कै कपालभाति,

ई तौ कहो बाबा जी चौकन्ना रहे जागिगे।

मंच कै माहौल देखि, अंचरा उतार फेंक,

चट्ट देनी पहिरिन बांधिन औ भागिगे।

 होती भी नहीं हरदम तलवार जरूरी है।

रक्षार्थ विरोधी पर हर वार जरूरी है।

तब योग गुरु जी से दुनिया ने यह सीखा, 

आपात परिस्थिति में सलवार जरूरी है। इस मौके पर कमेटी के सुनील कुमार गुप्ता, विनय यादव, शिव कुमार चौरसिया, रवि प्रताप राना, राजेश गुप्ता,प्रसेनजीत, सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।

 

    शिवा जायसवाल

जिला संवाददाता श्रावस्ती।

Leave a Comment