यूनिसेफ इंडिया की डेप्युटी रेप्रेजेंटेटिव सुश्री लाना कटाउ ने श्रावस्ती में बच्चों से जुड़े कार्यक्रमों को देखा।
कंजड़वा, इकौना श्रावस्ती। 13 जून 2022: यूनिसेफ इंडिया की डेप्युटी रेप्रेजेंटेटिव सुश्री लाना कटाउ ने सोमवार को श्रावस्ती का दौरा किया और बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण कार्यक्रमों के विषय में जाना और संबन्धित लोगों से बात चीत की।
यह सुश्री लाना कटाऊ का उत्तर प्रदेश का पहला दौरा था जिसमें उन्होने भिनगा ज़िला अस्पताल में लेबर रूम एवं नवजात के लिए चल रहे एसएनसीयू की व्यवस्था देखी। उन्होने नवजात के घर आशा द्वारा जन्म के 42 दिनों में की जाने वाली विजिट (एचबीएनसी) एवं 15 माह तक बच्चों की देखभाल के लिए की जाने वाली विजिट(एचबीवाईसी) का भी नमूना इकौना ब्लॉक के ग्राम कंजड़वा में देखा।

सुश्री लाना ने कहा, “शिशु मृत्यु दर को कम करने में एचबीएनसी एक सकारात्मक पहल है और मैं श्रावस्ती ज़िले में आशा द्वारा किए जा रहे इस कार्य से बहुत प्रभावित हूँ।”
सुश्री लाना कटाउ ने कहा, “मुझे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं अन्य फील्ड कर्मियों के समर्पण को देख कर बहुत प्रसन्नता हो रही है। हमे ऐसे कार्यकर्ताओं पर गर्व है जिन्होने महामारी के दौरान तमाम चुनौतियों के बावजूद भी अपना कार्य जारी रखा।“
टीम ने आधार से जुड़े जन्म पंजीकरण के विषय में भी जाना। जन्म पंजीकरण बच्चे का पहला अधिकार है और बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र को आधार से जोड़ कर उन्हे एक विशिष्ट पहचान दी जाती है।
यूनिसेफ फील्ड ऑफिस उत्तर प्रदेश के प्रोग्राम मैनेजर डॉ अमित महरोत्रा ने कहा,“प्रत्येक बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण का अधिकार है और यूनिसेफ उनके इन अधिकारों को सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध है।“
टीम ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा की जाने वाली बच्चों के विकास की निगरानी एवं पोषण ट्रैकर के विषय में भी जाना। प्रत्येक माह, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री द्वारा बच्चों का वजन, लंबाई आदि नाप कर स्मार्ट फोन द्वारा पोषण ट्रैकर पर अपडेट किया जाता है।
सुश्री लाना कटाउ ने कंजड़वा गाँव में अति कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के देखभालकर्ताओं से बात की और उनके पोषण संबंधी व्यवहारों से प्रभावित हुईं। यूनिसेफ के सहयोग से चल रहे कार्यक्रम ‘हैलो दीदी’ के अंतर्गत प्रदेश के 3 जनपदों में परिवारों को फोन कॉल, विडियो एवं मेसेज के माध्यम से पोषण संबंधी जानकारी दी जाती है।
टीम ने महादा गाँव में मदरसा में चल रहे कार्यक्रम को भी देखा। कार्यक्रम के अंतर्गत 6-8 वर्ष के बच्चों को गणित, हिन्दी, उर्दू आदि विषयों का कक्षा 1,2 एवं 3 का हुनर वर्क शीट के माध्यम से रुचिपूर्ण बना कर सिखाया जाता है।
