ब्यूरो चीफ राजीव तिवारी
जाल साज़ ने 5 लाख के चेक वापस न करने के एवज मे ले लिए 1500000 (पंद्रह लाख ) तीन गुनी राशि वसूलने के बावजूद कर दी थी शिकायत
रीवा के हालात पिछले कुछ दिनों से बद से बदतर होते जा रहे हैं प्रशासन बाप बड़ा न भैया यारों सबसे बड़ा रुपैया की तर्ज पर सरेआम करवा रही अपराध l रीवा के रतहरा निवासी राजीव कुमार मिश्रा जो की रतहरा मे राजीव किराना एवं जनरल स्टोर नाम की दुकान संचालित करते हैं , रतहरा वार्ड क्रमांक 15 निवासी सत्येंद्र मिश्रा जो की मनी ट्रांसफर का कार्य करता है उसके द्वारा पीड़ित को 500000 (पांच लाख ) रूपए चेक के एवज मे दिये गए थे जिसमे पीड़ित ने लगभग 1500000( पंद्रह लाख )रुपये नगद / किश्तो मे फ़ोन पे वा अन्य माध्यम से सत्येंद्र मिश्रा को दिये थे सत्येंद्र मिश्रा खुद व्यवसाई है वा रतहरा वार्ड क्र 15 मे ही रतन किराना नाम से दुकान संचालित करता है l परन्तु लालच बेईमानी वा साहूकारिता से प्रेरित सत्येंद्र मिश्रा ने पीड़ित का चेक लगाने की धमकी देनी शुरू कर दी पीड़ित ने कई बार समझाइस भी दी परन्तु रतन किराना स्टोर रतहरा के संचालक सत्येंद्र मिश्रा ने पीड़ित की बात नहीं मानी वा करीब एक माह पूर्व किराये के गुंडे लेकर राजीव कुमार मिश्रा के ग्रह ग्राम पहोच कर गाली गलौज करने लगा लगभग 7 की संख्या मे आए बदमाशो ने जान से मारने की धमकी देते हुए पिस्टल दिखा रहे थे तभी कोस्टा निवासी राजीव तिवारी वा बृजेश तिवारी मौके पर पहोच कर मामला शांत करवाए थे l परन्तु लालची साहूकार सत्येंद्र मिश्रा ने थाना सिटी कोतवाली जा कर राजीव कुमार मिश्रा की झूठी शिकायत कर दी दूसरे दिन थाना प्रभारी सिटी कोतवाली द्वारा दोनों पक्षो को बुलाकर मामले की जाँच की तो पीड़ित को सही पाया वा दोनों पक्ष को समझाइस देकर विदा कर दिया लेकिन सत्येंद्र मिश्रा अपनी हरकत से बाज नहीं आते हुए झूठी शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक रीवा के पास जाकर फर्जी मनगढंत आधार बनाकर कूट रचना करते हुए बाजोर ताकत पीड़ित को परेशान कर रहा वा कुछ समाचार पत्रों मे झूठी खबरें भी चलवाई है l
क्या साहूकारिता अधिनियम की परिधि मे सत्येंद्र मिश्रा नहीं आते आखिर प्रशासन क्यों नहीं कर रही कार्यवाही जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार साहूकारिता करना ब्याज वसूलना वा अन्य आर्थिक कृत्य जिनका कोई वैध कानूनी मान्यता न हो ऐसे व्यक्ति को शीघ्र गिरफ्तार कर धारा 420, 467, 468, A 80 c 456 b के तहत गिरफ़्तारी के नियम हैं
पर रीवा मे मालदार की मालदारी के समक्ष सब नत मस्तक हैं वर्दी की तो महिमा ही निराली है हरे नोट देखकर वर्दी भी दिन दहाड़े ना देखने का कृत्य कर देती है, नवनीत भसीन की क्षवि को उनके मातहत आए दिन बट्टा लगा रहे|