बुढार । कहने को तो राजस्व विभाग प्रशासनिक व्यवस्था का एक प्रमुख विभाग है लेकिन जिले में बुढार स्थित तहसील कार्यालय में पदस्थ अमला वेतन तो शासन से ले रहा है किंतु अप्रत्यक्ष रूप से कार्य बुढार के चर्चित भूमाफिया छोटू के लिए कर रहा है , इस छोटू के बारे में यह जनचर्चा यह है कि यह केवल नाम से छोटू है लेकिन तहसील कार्यालय बुढार के अमले के सहयोग से इसके कारनामे हमेशा की बड़े होते हैं , सूत्र यह बताते हैं कि छोटू की तिकड़म बुढार के रूंगटा तिराहे से शुरू होती है जो की पंचवटी मोहल्ले से लेकर बुढार से लगे करकटी गांव में समाप्त होती है और इस तिकड़म में शामिल बुढार तहसील कार्यालय का अमला छोटू के लिए अपने कार्यालय का समय भी निर्धारित कर रखा है और छोटू पर कृपा बरसाने के लिए यह कार्यालय शाम छह से रात्रि दस तक खुला रहता है । वैसे तो छोटू के कांडों पर एक महाकाव्य लिखा जा सकता है लेकिन हाल का मामला पटवारी हल्का धनपुरी का है जहां खसरा क्रमांक 129 में पूर्व में मध्यप्रदेश शासन के नाम से अभिलेखों में दर्ज एक भूमि का क्रय विक्रय का खेल किया गया जो शहर एक साइकिल व्यापारी को बेची गई , वैसे तो इस सौदे में शहर के कई भूमाफियाओं की भूमिका भी रही है लेकिन फ्रंट फुट पर बल्लेबाजी करता हुआ छोटू ही देखा गया । राजस्व विभाग में पदस्थ अमला अगर मामले की ईमानदारी से छानबीन करे तो मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है ।