प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत भवनों को हाईटेक बनाने का आदेश दिया गया है। ऐसे में क्षेत्र के अधिकांश पंचायत भवनों की तैयारी अंतिम दौर पर है। अधिकतर पंचायत भवन का निर्माण कराकर उसमें कंप्यूटर ब्रांडबैंड व अन्य संसाधनों से सुसज्जित कर दिया गया है। लेकिन पंचायत भवनों पर बिना बिजली का कनेक्शन लिए ही काम निपटाया जा रहा है। किसी भी पंचायत भवन पर बिजली का कनेक्शन नहीं लिया गया है गांवों में पंचायती राज व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने सभी पंचायतों में पंचायत भवन बनाने का निर्देश दिया था। इस निर्माण के पीछे मंशा थी कि लोगों को ब्लाक स्तर की सुविधाएं गांवों में मिलने लगेंगी। लोगों को गांव में ही परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म प्रमाण पत्र, मत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही साथ विकास कार्यों का खाका भी एक भवन के नीचे बैठकर खींचा जा सकेगा इसके लिए मनिहारी विकास खंड क्षेत्र के 97 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण कराया गया है। जिसमें से 97 पंचायत भवनों में 90 पंचायत भवन बनाकर यहां कंप्यूटर आदि व्यवस्थाएं की गई है। इसके अलावा यहां पंचायत सहायकों की नियुक्ति कर पंचायत भवनों का संचालन शुरु कर दिया गया है। लेकिन इन पंचायत भवनों में स्थायी बिजली कनेक्शन नहीं है ऐसा ही हाल 97 गांवों में बनाए गए सामुदायिक शौचालयों का भी है। समरसेबुल के साथ ही प्रकाश के लिए बिजली का उपयोग बिना कनेक्शन के ही हो रहा है। जिम्मेदारों ने आज तक बिजली कनेक्शन लेना जरुरी नहीं समझा। जिससे पावर कारपोरेशन को लाखों रुपये का चूना लग रहा है।
इस संबंध में मनिहारी के एडीओ पंचायत दीनानाथ ने बताया कि सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवनों में बिजली कनेक्शन के लिए ग्राम प्रधानों द्वारा बिजली सब स्टेशन पर आवेदन दिया गया है। इनमें कनेक्शन देने का काम बिजली विभाग का है। इस बात को जेई महबूब आलम से पूछे जाने पर बताया कि इसका मुझे पता नहीं है। एक दो दिन में लिस्ट देखकर बता पाऊंगा ना जाने बिजली विभाग कब ऐसे लोगो पर कार्यवाही करेगी