शहडोल जिले के जयसिंहनगर क्षेत्र अंतर्गत दरौड़ी एवम गुप्ता स्टोन क्रेशर चरहेट में संचालित स्टोन क्रेसर संचालकों की मनमानी से क्रेसर किनारे बसे गांवों में अब जल संकट मंडारने लगा क्युकी इन क्रेसर संचालकों द्वारा बिना वैध अनुमति के लगातार डायनामाइट लगा कर पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा है जिससे भूजल के साथ साथ क्रेसर किनारे बने घरों पर भी अब खतरा मंडरा रहा है वही कृषि योग्य भूमि भी बंजर होती जा रही है क्युकी इन क्रेसर संचालकों द्वारा पर्यावरण विभाग के नियमो के विरुद्ध क्रेसर संचालन की अनुमति मिली हुई प्रतीत हो रही है जबकि नियमो के मुताबिक क्रेसर के आस पास वृक्षा रोपण करना एवम क्रेसर के चारो तरफ 8 फिट ऊंची बाउंड्री वॉल का निर्माण होना आवस्यक है जिससे क्रेसर से उड़ने वाली धूल को रोका जा सके लेकिन जिले के जयसिंहनगर तहसील में संचालित अधिकांस क्रेसर संचालक बिना पर्यावरण विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के ही मनमानी पूर्ण तरीके से क्रेसर संचालित किए हुए है जिससे खनिज एवं पर्यावरण विभाग की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है क्युकी एक तरफ दुनिया के तमाम देशों के साथ साथ भारत भी जलवायु परिवर्तन एवम गिरते भूजल स्तर से निपटने की दिशा में रणनीति बनाने में जुटे है वही जिम्मेदार अधिकारी अपने पदीय दायित्वों के विपरीत ग्लोबल वार्मिंग एवम भूजल स्तर को गिराने की ओर अग्रसर है क्युकी जिम्मेदार अधिकारी अगर ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वाह करते तो इन क्रेसर संचालकों को संचालन की अनुमति कदाचित न मिलती अब देखना होगा की क्रेसर संचालकों की मनमानी पर रोक लगता है या फिर कोई ठोस कार्यवाही होती है|
इंडियन टीवी न्यूज के लिए शहडोल से ब्यूरो चीफ बीके तिवारी की रिपोर्ट