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स्थानीय पुलिस की छत्रछाया में चलती अवैध पर्ची सट्टे की दुकानें

जिला ब्यूरो चीफ पवन कुमार जोशी

  • स्थानीय पुलिस की छत्रछाया में चलती अवैध पर्ची सट्टे की दुकानें
  • पर्ची सट्टा के खाईवालों पर कार्रवाई करने से कतराते हैं पुलिस अधिकारी
  • पुलिस की आंखों के सामने चल रहे अवैध कारोबार
  • बडे खाईवालों पर करवाई करने से घबराती है पुलिस
  • अमरबेल की तरह फल फूल रहा है पर्ची सट्टे का कारोबार
  • हाईटेक हुआ पर्ची सट्टे का कारोबार

रायसिंहनगर(श्री गंगानगर) पुलिस थानों में लिखा है “आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय” लेकिन रायसिंहनगर थाना क्षेत्र को नहीं लगता की यह सही है । यहां तो इसका उल्टा है “आमजन में भय,अपराधियों में विश्वास” यह इसलिए की रायसिंहनगर थाना क्षेत्र अवैध कार्यों का गढ़ बना हुआ है । यहां पुलिस को मंथली देकर थाना क्षेत्र में कोई भी अवैध कार्य किये जा सकते हैं । जिसमें अवैध पर्ची सट्टा कारोबारियों के हौसले इस कदर बुलंद है। कि इन्हें किसी तरह का कोई भी भय नहीं है। सट्टे की खाईवाली का काम इन दिनों जोरों पर है । थानाधिकारी ने जब थाने का कार्यभार संभाला था तब थानाधिकारी का कहना था । कि रायसिंहनगर थाना क्षेत्र में किसी भी तरह के अवैध कार्य नहीं होने देंगे । जबकि सब उसका उल्टा ही हुआ । रायसिंहनगर थाना क्षेत्र पहले से ज्यादा अवैध कारोबार का गढ़ बना है। जिसमे पर्ची सट्टा , मेडिकल नशा व डोडा पोस्त की का कारोबार अधिक होने लगा है जबकि सट्टे की खाईवाली में तो 200-500 की सट्टे की पर्ची लिखने वालों को पकड़ कर अपनी कागजी कार्रवाई पुरी कर ली जाती है। जबकि बड़े-बड़े खाईवालों को हाथ लगाने से भी घबराती है ।जबकि थानाधिकारी ने कहा था थाना क्षेत्र में कोई भी अवैध कार्य नहीं होने देंगे लेकिन सट्टे व जुए के काम में कोई कमी नहीं आई ।
सुत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार बड़े जो पर्ची सट्टा के जो खाईवालों व जुआ खेलने वालों के यहां कुछ पुलिस वालों का यहां आना जाना लगा रहता है जब पुलिस वालों को पता होने के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस की मिलीभगत से सट्टे व जुए का कारोबार होता है

रायसिंहनगर अवैध कार्यों का गढ़ बना हुआ है अवैध

कारोबारियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि पुलिस को चदं रुपयों का लालच देकर यहां कोई भी अवैध कार्य किया जा सकता है रायसिंह नगर के हनुमान मंदिर के आसपास व बस स्टैंड , मेन बाजार व रिहायशी इलाकों में व ग्रामीण इलाकों में पर्ची सट्टे का अवैध कारोबार अमरबेल की तरह फैल रहा है मजे की बात यह है कि पुलिस के आंखों के सामने यह कार्य धड़ल्ले से हो रहा है फिर भी स्थानीय पुलिस है मौन जो कि आमजन के सवाल के जवाब के लिए तलब गार है

पुलिस बड़े मगरमच्छों को पकड़ने की वजह छोटी मछलियों को पकड़कर अपनी कागजी कार्रवाई पूरी कर रही है जबकि बड़े-बड़े स्टोरी है पर्ची सट्टा धड़ल्ले से खुलेआम कर रहे हैं जहां पुलिस उन्हें नहीं पकड़ कर छोटे खाईवालों को पकड़ रही है ।

गरीब लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़

सूत्रों की माने तो एक रुपए के बदले 90 रुपए लेने के लालच में आदमी दिन भर मेहनत मजदूरी करके ₹200-400 कमाता है जोकि रातों-रात कई गुना पैसे के लालच में पर्ची सट्टे की कारोबारियों को दे देता है ।जिससे आदमी अपने बच्चों के भविष्य को सरासर बिगाड़ रहे है इसका पूरा दोष पुलिस पर जाता है ।जानकारी के अनुसार रायसिह नगर में लगभग 100 दुकाने और 50 रिहायशी इलाकों में चल रहा पर्ची सट्टा का अवैध कारोबार लेकिन पर्ची सट्टे के कारोबारियों को प्रतिदिन लाखों रुपयों का कारोबार होता है । जब इसकी अन्दर तक जांच की तो पता चला की पुलिस मंथली के चक्कर में बड़े बड़े पर्ची सट्टे के खाईवालों पर कार्रवाई नहीं करती है। पुलिस के द्वारा जो छोटे खाईवाल है उन्हें बलि का बकरा बना कर अपनी कागजी कार्रवाई पुरी कर ली जाती है ।
अब देखना यह है कि पुलिस कप्तान इन सट्टे व जुए के अवैध कारोबार पर अंकुश लगायेगे या यह स्थानीय पुलिस की छत्रछाया में यु ही फलता फूलता रहेगा।

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