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रैणी कस्बे मे राजीव गांधी सेवा केंद्र पर शहीद भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव को उनकी 92 वी पुन्य तिथी पर उनको याद किया और श्रंदान्जली दी गई

रैणी (अलवर) अशोक कुमार मीना

शहीद भगत सिंह , राजगुरू और सुखदेव तीनो की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर किए

अलवर के रैणी उपखण्ड मुख्यालय के राजीव गांधी सेवा केंद्र व पंचायत मुख्यालय पर गुरूवार को शहीद भगत सिंह सुखदेव और राजगुरू की पुन्य तिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया गया और तीनो वीर शहीदो के देशहित बलिदान को याद कर उनकी जीवनी पर भी प्रकाश डाला।
ये भारत के सबसे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे शहीद भगत सिंह राजगुरू और सुखदेव देश की महान विभूति है , मात्र 23 साल की उम्र में इन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव पर अंग्रेजो ने मुकदमा चलाया , जिसके बाद उन्हें जेल ले जाये गये और अनेक तरह से यातनाये दी गई तथा फांसी की सजा सुनाई गई लेकिन फिर भी ये तीनो देशहित को ध्यान मे रखते हुए हसते हसते देश भक्ति गीत गाते हुए फांसी के तख्ते पर चढ गये लेकिन जीवन के अन्तिम समय तक भी ये अंग्रेज सरकार के आगे झुके नही।
कोर्ट में भी तीनों इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगाते रहे.
23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को फांसी दे दी गई. कहते है कि तीनों की फांसी की तारीख तो 24 मार्च 1931 थी , लेकिन उस समय पुरे देश में उनकी रिहाई के लिए प्रदर्शन हो रहे थे , जिसके चलते ब्रिटिश सरकार को डर था , कि कहीं फैसला बदल ना जाये , जिससे उन लोगों ने 23 व 24 की मध्यरात्रि में ही तीनों को फांसी दे दी ।
गुरुवार को इस कार्यक्रम के दौरान मौके पर राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं भ्रष्टाचार निवारण भारत संगठन की पूरी टीम मौजूद थी जिनमे भावी सरपंच भूड़ा हरिराम मीना , वार्ड पंच अशोक कुमार मीना , नेपाल सिंह , विजय शर्मा , राजू किराड, दीपक जागा , भम्बल राम मीना , महावीर मीना , महेश चन्द मीना राष्टीय मानवाधिकार एवं भ्रष्टाचार निवारण भारत संगठन के प्रदेश संयुक्त सचिव व सदस्य फतेह सिंह मीना सहित अनेक गणमान्य ग्रामीण नागरिक लोग मौजूद रहे।
मिडिया को यह जानकारी स्थानीय वार्ड पंच अशोक कुमार मीना के द्वारा दी गई है।

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