सहरसा जिले के सौर बाजार प्रखंड क्षेत्र में चलने वाले मनरेगा योजना हमेशा विवादों के घेरे में रहा है इसको लेकर न तो वरीय पदाधिकारी द्वारा या मनरेगा पीओ द्वारा योजना स्थल पर जाकर जांच करने का मामला सामने आया है और न तो अलाभकारी योजना को बंद किया गया है, बस किया गया है तो सिर्फ योजना के नाम पर लूट। ताजा मामला है नादो पंचायत की जहां हनुमान नगर से मधुरा गांव सड़क मार्ग में मुख्य सड़क मार्ग के किनारे नाला के नाम पर योजना संचालित की जा रही है जिस नाला से शायद एक बूंद पानी का निकासी होना संभव नहीं है क्योंकि नाला बनाने से जितना उपजाऊ जमीन का नुकसान हो रहा है उससे ज्यादा नुकसान बाढ़ के पानी से भी नही होता है। जानकारी के अनुसार जमीन मालिक को कुछ रुपए का लोभ दिखाकर योजना का संचालन किया जा रहा है फिर कुछ महीने के बाद पता चलेगा की यहां नाला का निर्माण कार्य हुआ ही नहीं है क्योंकि सभी किसान अपने खेत के सामने बने नाला को फिर अपने खेतों में मिला लेंगे बस देर है तो सिर्फ योजना के नाम पर राशि उठा लेने की, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है की मनरेगा पीओ के ही मिलीभगत से इस प्रकार के योजना संचालित किए जाते हैं क्योंकि योजना संबंधित जानकारी जब मनरेगा योजना के पीओ से ली जाती है तो सिर्फ उनका जवाब होता है जांच कर कार्रवाई की जाएगी या तो वे मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देना मुनासिब नहीं समझते हैं।