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जर्जर भवन में होता है मरीजों का उपचार हादसें की आशंका जिम्मेदार नहीं दे रहे

मेड़ता उपखंड के खेडुली गांव मे बने उपस्वास्थ्य केन्द्र मे भले ही रोजाना मरीजों का उपचार होता हो लेकिन यह उपस्वास्थ्य केन्द्र खुद ही पुरी तरह से बीमार है।यह भवन कब हादसें का कारण बन जाए यह कहा नही जा सकता।वही स्टाफ को हमेशा केन्द्र में काम करते समय अनहोनी की आशंका बनी रहती है।विभाग के अधिकारी भी गहरी नींद मे सो रहे है जर्जर भवन पर कोई ध्यान नही दे रहे है।जिससे यहां कभी बड़ा हादसा होने से नकारा नही जा सकता। ग्रामीणों ने बताया कि यह भवन करीब चालीस साल पहले बना था जो अब पुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया हैं।भवन मे जगह जगह दरारें भी आ गई है।भवन की दिवारों मे दरारे आने के साथ छत से प्लास्टर भी गिर रहा है।उपस्वास्थ्य केन्द्र मे कार्यरत एएनएम व कंम्पाउडर इस जर्जर भवन मे बैठकर ही उपचार करने को मजबुर है।ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों मे भवन मे तीन तीन फीट तक पानी भर जाता है।ऐसे मे बारिशों के दिनों मे यह भवन तालाब बन जाता है जिसके चलते पड़ौसी घरों में बैठकर ही मरीजों का उपचार करना पड़ता है।ऐसे मे इस भवन मे बैठकर उपचार करना किसी खतरें से खाली नही है।ग्रामीणों का कहना है कि पिछले चार साल से विभागीय अधिकारियों से नया भवन बनाने की मांग कर रहे है लेकिन जिम्मेदार कोई ध्यान नही दे रहे है।

रिपोर्ट ओमप्रकाश गौड़ ब्यूरो चीफ मेड़ता

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