सुख-समृद्धि व निरोगी काया की कामना शीतला माता पूजन के लिए लगी कतार

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श्याम पाराशर इंडियन टीवी न्यूज़

चोमू चौमू बस स्टेंड स्थित शीतला माता मन्दिर मे लगी कतार शीतला सप्तमी पर्व पर शीतला माता मंदिरों में अलसुबह से महिलाओं की कतारें लगी। ब्रह्म मुहूर्त से दोपहर तक मंदिरों में दर्शन-पूजन कर महिलाओं ने परिवार की सुख-समृद्धि व निरोगी काया की कामना की। माता पूजन कर रात में बनाए शीतल पकवानों का भोग लगाया गया चैत्र की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतलाष्टमी के रूप में मनाया जाता है. आम इंसान को रोगों के संक्रमण से बचाने के लिए शीतला अष्टमी मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन आखिरी बार आप बासी भोजन खा सकते हैं. शीतला अष्टमी के बाद से बासी भोजन का प्रयोग बिलकुल बंद कर देना चाहिए. गर्मी में शीतल जल और एंटीबायटिक गुणों से युक्त नीम का प्रयोग करना चाहिए.स्कंद पुराण के अनुसार माता शीतला को स्वच्छता और आरोग्य की देवी कहा गया है। माता शीतला रोगों से बचाने वाली देवी है, इसलिए इस दिन माता शीतला का व्रत-पूजन करने से घर में सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं। माता का स्वरुप बहुत शीतल है और रोगों को हरने वाला है. इनका वाहन गधा है और इनके हाथों में कलश ,सूप ,झाड़ू, और नीम के पत्ते हैं.ये सारी चीज़ें साफ़ सफाई और समृद्धि की सूचक है. इनको शीतल और बासी खाद्य पदार्थ चढ़ाया जाता है, जिसे बासौड़ा भी कहते हैं.

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