अनुगूँज” में सरकारी स्कूलों के बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समा
मंत्री श्री कुशवाह हुए अभिभूत, बच्चों को नगद इनाम देने की घोषणा की
प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प को पूरा कर रही है प्रदेश सरकार – मंत्री श्री कुशवाह
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया गया अनुगूँज कार्यक्रम का आयोजन
ग्वालियर 10 जनवरी 2025/ “मैं बोझ नहीं भविष्य हूँ” नाटक के मार्मिक दृश्यों को देखकर नम आँखें तो भरतनाट्यम, कत्थक व मणिपुरी नृत्य से सजीव होती सम्पूर्ण भारत की सांस्कृतिक यात्रा देखकर झूमते संगीत रसिक। इसी तरह वाद्य यंत्रों की सुरीली जुगलबंदी व रागों पर आधारित सुमधुर सुगम संगीत और फ्युजन की गूंज से थिरकते कदम । मौका था “अनुगूँज” कार्यक्रम में सरकारी स्कूलों की छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का । सामाजिक न्याय एवं उद्यानिकी मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह के मुख्य आतिथ्य में स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में यह आयोजन हुआ। मंत्री श्री कुशवाह ने अनुगूँज के कार्यक्रमों का आनंद लिया। साथ ही सभी प्रस्तुतियों के निर्देशकों को सम्मानित भी किया।
इस आयोजन में कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ. अरविंद शुक्ला, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण श्री दीपक पाण्डेय सहित अन्य संबंधित अधिकारी इस अवसर पर मौजूद थे। साथ ही बड़ी संख्या में कला एवं संगीत प्रेमी, विभिन्न सरकारी स्कूलों के आचार्य व विद्यार्थीगण शामिल हुए।
मंत्री श्री कुशवाह सहित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मौजूद कला रसिकों को “मैं बोझ नहीं भविष्य हूँ” नाटक के मंचन में स्कूली बच्चों द्वारा किए गए हृदय स्पर्शी अभिनय ने गहरे तक प्रभावित किया। मंत्री श्री कुशवाह ने अपने स्वेच्छानुदान इस नाटक के मंचन में शामिल सभी छात्राओं को 5 – 5 हजार एवं छात्रों को 2500 – 2500 रूपए देने की घोषणा की।
सामाजिक न्याय मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित व समृद्ध भारत बनाने के लिये महिलाओं व युवाओं, गरीबों व किसानों के सशक्तिकरण व कल्याण के लिये जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है। इसी दिशा में सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की प्रतिभाओं को उभारने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा “अनुगूँज” कार्यक्रम शुरू किया गया है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को अपनी प्रतिभा को निखारने का उत्कृष्ट मंच मिला है।
दर्शकों के दिलों को छू गया बच्चों का अभिनय
“अनुगूँज” कार्यक्रम में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एवं कन्या भ्रूण हत्या पर केन्द्रित नाटक “मैं बोझ नहीं भविष्य हूँ” के मंचन में स्कूली बच्चों ने अपने अभिनय से सभी दर्शकों को यह सोचने के लिये मजबूर कर दिया कि बेटियों के साथ भेदभाव न केवल पीड़ादायक है, बल्कि बेटियों के साथ घोर अन्याय है। इस नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि एक उपेक्षित बालिका आगे चलकर कलेक्टर बनती है और माँ-बाप का सहारा भी । गर्भ में पल रही बेटी की भ्रूण हत्या और महिला उत्पीड़न के दृश्य देखकर दर्शकों की आँखें नम हो गईं। सभी दर्शकों ने इस नाटक को खूब सराहा। नाटक के मंचन में शासकीय स्कूल गोरखी, जीवाजीराव व शिंदे की छावनी सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों ने भाग लिया। नाटक मंचन का निर्देशन राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. हिमांशु द्विवेदी द्वारा किया गया।
भरतनाट्यम में दिखा भाव, संगीत और लय का अद्भुत संगम
भारतीय शास्त्रीय नृत्य परंपरा के सबसे पुराने नृत्यों में से एक भरत नाट्यम में सरकारी स्कूलों की छात्राओं ने भाव, संगीत और लय कर अद्भुत संगम दिखाया। भरत नाट्यम के माध्यम से गणेश वंदना की प्रस्तुति में छात्राओं की नृत्य मुद्रायें और चेहरे की अभिव्यक्तियां देखते ही बन रही थीं। इस प्रस्तुति में नृत्य, गीत व नाटक का अद्भुत समन्वय छात्राओं ने दिखाया। इसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए और सभी ने करतल ध्वनि के साथ छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। यह प्रस्तुति शासकीय एमएलबी कन्या विद्यालय व मुरार उत्कृष्ट स्कूल की बालिकाओं द्वारा दी गई। इसका निर्देशन श्रीमती पद्मजा शंकर ने किया।
कत्थक नृत्य ने बांधा समा
कत्थक की प्रस्तुति में सटीक ताल, तेज कदम और भावपूर्ण अभिव्यक्तियों का छात्राओं ने अद्भुत दृश्य रच दिया। शिव वंदना व देव प्रस्तुति के रूप में सरकारी स्कूलों की छात्राओं ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया। तीव्र गति, जटिल मुद्राएँ एवं संवादों के माध्यम से छात्राओं ने शिव आराधना को जीवंत बना दिया। उत्तर भारत के शास्त्रीय नृत्य कत्थक की इस प्रस्तुति ने ऐसा समा बांधा कि सम्पूर्ण सभागार तालियों से गूँज उठा। सीएम राईज पटेल सहित अन्य सरकारी स्कूलों की छात्राओं ने यह प्रस्तुति दी। यह प्रस्तुति श्रीमती संयोगिता श्रीवास्तव के निर्देशन में हुई।
मणिपुरी नृत्य ने दर्शकों में भरी नई ऊर्जा
सरकारी स्कूलों के बच्चों ने मणिपुरी नृत्य की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों में नई ऊर्जा का संचार कर दिया। इस नृत्य में छात्राओं ने देवी-देवताओं, प्राकृतिक सौंदर्य और प्रेम की अभिव्यक्ति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। नृत्य की कोमलता और शांति के साथ शास्त्रीय तत्वों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रस्तुति का निर्देशन सुश्री महाराज कुमार हौजाईन गम्बा सिंह ने किया।
वाद्य यंत्रों की सुरीली जुगलबंदी और देशभक्तिपूर्ण गीतों की प्रस्तुति भी हुई
अनुगूँज कार्यक्रम में जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चों द्वारा वाद्य यंत्रों की सुरीली जुगलबंदी की प्रस्तुति दी। यह प्रस्तुति राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के तबला संगतकार श्री संजय राठौर के निर्देशन में हुई। इसी तरह छात्र-छात्राओं के एक समूह ने सुगम संगीत के तहत “नित्य वंदे मातरम् का गान हो” का गायन कर सभी को देशभक्ति के जज्बे से ओतप्रोत कर दिया। यह प्रस्तुति राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के आचार्य श्री विवेक जैन के निर्देशन में हुई।
फ्युजन की प्रस्तुति ने गहरी छाप छोड़ी
भारतीय शास्त्रीय संगीत और समकालीन वेस्टर्न स्टाइल को एक साथ जोड़कर स्कूली बच्चों ने अद्भुत फ्युजन प्रस्तुत किया। सरकारी स्कूलों के बच्चों के लयबद्ध कदम, ऊर्जा से भरपूर अभिव्यक्तियां और तालों के अनोखे मिश्रण ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी।
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