DGP बोले- CM ऑफिस सहित सभी कंट्रोल रूम रेड अलर्ट पर; पानी में घोड़े पर जवान तैनात,महाकुंभ का आज पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) चल रहा है। दोपहर तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु और साधु-संतों ने स्नान किया। करीब 15 किमी के एरिया में श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं। मेले में लगातार भीड़ बढ़ रही है। इसे देखते हुए आर्मी को स्टैंडबाई पर रखा गया है।
मेले के बाहरी और अंदर आर्मी के जवान पहुंच चुके हैं। इन्हें अलर्ट पर रखा गया है। संगम में पानी के अंदर घोड़े पर सवार होकर पुलिस के जवान उतरे हैं। गहरे पानी में कोई जाने न पाए, श्रद्धालु सुरक्षित स्नान कर जाएं… ये जवान इसी पर नजर रखे हैं।DGP प्रशांत कुमार ने ANI से बातचीत में कहा- आज महाकुंभ का पहला अमृत स्नान है। अखाड़ों के साधु-सन्यासी स्नान कर रहे हैं। ब्रह्म मुहूर्त 4.45 बजे से अखाड़ों का स्नान शुरू हुआ। घाटों पर 7 बजे तक ही कुल 98 लाख 20 हजार लोगों ने स्नान किया।आज मुख्य पहला अमृत स्नान पर बहुत ज्यादा भीड़ है। DGP कंट्रोल रूम, होम कंट्रोल, चीफ मिनिस्टर ऑफिस, चीफ सेक्रेटरी ऑफिस… सब रेड अलर्ट पर हैं। स्नान पूरी तरह शांति तरीके से चल रहा है। ड्रोन, CCTV और अंडर वाटर ड्रोन से ~नजर रखी जा रही है।DGP प्रशांत कुमार ने कहा- आज स्नान के बाद लोग अन्य धार्मिक स्थलों पर जा सकते हैं। उसकी तैयारी भी कर ली गई हैं। हम लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। पुलिस प्रतिक्रिया वाहन और एम्बुलेंस मौके पर मौजूद थे। थर्मल इमेज के जरिए हम रात में भीड़ को नियंत्रित करने में सफल रहे। हमारे लिए ये चुनौती नहीं अवसर है, 3 हजार से अधिक ट्रेन रेलवे विभाग द्वारा चलाई जा रही हैं।साधु-संत संगम स्नान के लिए निकलने वाले थे, इससे पहले मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने अफसरों से बात की। उन्हें अलर्ट रहने को कहा। सभी पॉइंट पर सुरक्षा के इंतजाम भी जाने। भोर में ही संगम जाने वाले मार्गों पर भारी भीड़ हो चुकी थी। संतों के निकलने से पहले RAF के जवानों ने मार्ग को क्लियर कराया।प्रशासन की ओर से मान्यता और परंपरा के अनुसार रातभर सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर तैयारी चलती रही। ऐसी व्यवस्था की गई कि अखाड़े के संतों के स्नान के समय संगम पर घाट सुरक्षित रहे। उस दौरान अन्य कोई स्नान न करे। अखाड़ों के आने-जाने के लिए दो रास्ते बनाए गए। एक रास्ते से अखाड़े के संत स्नान के लिए गए तो दूसरे रास्ते से स्नान कर लौटे। दोनों रास्तों पर बैरिकेडिंग करके जालियां लगाई गईं। ताकि, संतों तक कोई पहुंच ना सके~आशुतोष मिश्रा इंडियन टीवी न्यूज़~