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बहराइच में धरना स्थल पर किसान यूनियन ने किया धरना प्रदर्शन

बहराइच में भारतीय किसान यूनियन विगत 35 वर्षों से किसानों के हित में लड़ाई चल रही है किसान लगातार खेती में हो रहे घाटे की वजह से परेशानी का सामना झेलना पड़ता है किसान के पास आय के साधन सीमित होने की वजह से उनके परिवार का पालन पोषण से लेकर बच्चों के पढ़ाई पर बुरी तरह असर पड़ रहा है सन 2022 23 ने प्रदेश का किसान आशा के साथ या उम्मीद लगा रहा था कि इस बार गन्ने के भाव में बढ़ोतरी होगी जिसमें उसे थोड़ी बहुत राहत पहुंचेगी लेकिन ऐसा ना होने होने के कारण और गन्ने का भाव इस सत्र भी नहीं बढ़ा जिसने प्रदेश के गन्ना किसानों को इस बार भी निराशा हाथ लगी प्रदेश और राज्य सरकार लाख दावे करें लेकिन देश का किसान घाटे की खेती करते करते आत्महत्या करने के कगार पर पहुंच गया है सरकार आश्वासन देकर किसानों को छलने का काम कर रही है किसान आवाज उठाए तो उसे जेल में पूछने का काम किया जा रहा है चाहे चुनावी घोषणा पत्र हो या बजट उसमें किसानों के लिए लोक लुभावने वादे तो किए जाते हैं लेकिन देने के नाम पर केवल कंपनियों को तिहाई से ज्यादा रकम देकर सरकारों किसानों को लूटने का काम कर रही है इसलिए मजबूरी में किसानों को आंदोलन की राह पकड़ने पर मजबूर हो गए हैं पिछले वर्ष गन्ने का मूल्य 4 वर्षों में मात्र ₹25 प्रति कुंटल बढ़ाकर किसानों को और गरीब बनाने का काम किया जा रहा है कम से कम ₹500 कुंतल गन्ने का भाव किया जाए और बकाया भुगतान तत्काल कराया जाए गन्ने के भुगतान की डिजिटल व्यवस्था किया जाए विकसित देशों की तरह खाद बीज व कीटनाशक के क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्र में किसानों के नाम पर उद्योग को दी जा रही सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाए फसलों के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को केंद्र सरकार लागू करें इसके लिए ब2+50 के फार्मूले को लागू किया जाए|

ब्यूरो चीफ Jitendar bahadur

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