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जयसिंहनगर।फूलमती मंदिर जर्जर मार्ग से पक्के मार्ग की वर्षो से राह तक रहे श्रद्धालु

 

 

शहडोल जिले के जयसिंहनगर में स्थित माँ फूलमती मंदिर का इतिहास वर्षो पुराना है। जयसिंहनगर ही नही बल्कि दूर दूर तक के लोगो की आस्था जयसिंहनगर जनपद के ग्राम पंचायत कतिरा में आने वाले ग्राम खुशरवाह में स्थित माँ फूलमती मंदिर से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि 50 वर्ष से भी पहले माता दुर्गा ने स्वयं स्वप्न में आकर तब के फूलमती मंदिर के पंडित को बरगद के पेड़ में मूर्ति दबी होने का आभास कराया था और बाद में पंडित द्वारा ढूढे जाने पर बरगद में माता की मूर्ति मिली जो आज भी उसी बरगद के पेड़ पर फूलमती माता मंदिर में विराजमान है। अपने चमत्कारो और श्रद्धा भावना की वजह से फूलमती मंदिर ना सिर्फ जयसिंहनगर बल्कि दूर दराज के लोगो के लिए आस्था का केंद्र है माता के मंदिर में नंगे पांव आने वाले भक्तों की संख्या आमदिनों में तो होती ही है पर नवरात्रों के समय ये संख्या लाखो में भी पहुच जाती है। नगर का पुराना और प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल होने के बाद भी प्रशासन की उदासीनता का दंश झेल रहा है। जयसिंहनगर के मुख्य मार्ग से मंदिर परिसर तक का पहुच मार्ग बेहद जर्जर स्थिति में है धूल और बड़ी बड़ी गिट्टी से भरे इस रास्ते से सबसे ज्यादा समस्या नंगे पैर मंदिर आने वाले श्रद्धालु और उससे भी ज्यादा अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर लेट कर दंड भरते हुए मंदिर पहुचने वाले श्रद्धलुओं को लहूलुहान होकर होती है। पिछले कई समय से नगर के आम जनमानस की तरफ से मंदिर पहुच मार्ग के पक्के निर्माण की माँग उठती रही। पर आस्था के केंद्र तक पहुचने के लिए मार्ग निर्माण कार्य के लिए अब तक ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया और ना ही प्रशासन की तरफ से कभी कोई पहल देखने को मिला।

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