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डाक्टर स्व सुरेन्द्र सिंह चौहान के नाम पर मरीजों के साथ हो रही ठगी असली और नकली चौहान बताने के लिए छोड़े दलाल

डाक्टर स्व सुरेन्द्र सिंह चौहान के नाम पर मरीजों के साथ हो रही ठगी
असली और नकली चौहान बताने के लिए छोड़े दलाल

नौगाँव / नगर की एक पहचान स्व डाकटर सुरेन्द्र सिंह जी के नाम से भी है नौगाँव नगर में टीबी जैसी बीमारी का ईलाज कराने के लिए सम्पूर्ण बुंदेलखंड सहित आसपास के राज्यों से भी लोग अपना ईलाज कराने के लिए आते थे और उन्ही की बनाई विरासत आज विवादों का अखाडा बना हुआ है डाक्टर सुरेन्द्र सिंह चौहान की म्रत्यु के बाद उनकी विरासत उनके बड़े बेटे व नाती संभाल रहे है इनका अंधरूनी विवाद होने पर क्लीनक एक ही होने के बाद अलग अलग मरीजों को देख रहे है और अपने अपने दलालों को छोड़कर कर बस स्टेंड से मरीजों को असली और नकली चौहान बता कर गुमराह कर मरीजों के साथ ठगी कर रहे है
अस्पताल में डाक्टर राजेन्द्र सिंह के अलावा उनके पुत्र एवं दो बी एच एम एस डाक्टर बैठते है और मरीजों का इलाज करते है यहाँ तक की यह बी एच एम एस ( आयुर्वेदिक ) डाक्टर भी मरीजों को एलोपेथिक दवाईयां लिखते है जो गलत है जानकार बताते है की डाक्टर चौहान अस्पताल में इलाज के साथ ही मरीज की सम्पूर्ण जांचे एवं दवाईयां अस्पताल से ही दी जाती है और एक मरीज का बिल करीब चार से पांच हजार रूपये बनता है कुल मिलाकर डाक्टर चौहान अस्पताल में टी.बी. के मरीजों का आर्थिक शोषण होता है जो चिंतनीय है और जांच का विषय है विदित है की कुछ दिन पूर्व इन दलालों की शिकायत स्थानीय लोगों के द्वारा पुलिस अधीक्षक से की गई थी जिसके चलते पुलिस ने चार लोगों को पकड़ कर पूंछतांछ की थी और छोड़ दिया गया था इन पर कोई भी कार्यवाही ना होने की वजह से इनके होसले और भी बुलंद हुए और दो दिन बाद ही फिर से दलाल सक्रीय हो गए जिसको लेकर शनिवार की सुबह सात बजे एक मेडिकल संचालक ने हाँथ में लाठी लेकर दलालों को खदेड़ा
ज्ञात हो की शासन द्वारा अनेक तरह की योजना चलाकर टीबी मुक्त भारत बनाने के प्रयास किये जा रहे है तो वंही दूसरी ओर डाक्टरों के अलावा आसपास मेडिकल स्टोर संचालितों के भी गुर्गे बस स्टेंड पर डेरा जामये रहते है जैसे ही बाहर के यात्री बसों से नीचे उतरते हैं बैसे ही इन गुर्गों का काम शुरू हो जाता है यह गुर्गे मरीजों को गुमराह कर अपने अपने मालिक की बताई हुई क्लिनिक पर मरीजों को ले जाते हैं और वंहा से अपने मालिकों के लिए दवाइयों का पर्चा लाते है जो तीन से चार हजार रूपये का होता है हर मरीज और पर्चे के हिसाब से इन गुर्गों की तनख्वाह मिलती है यदि इस ओर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो कोई भी बड़ी घटना घटित हो सकती है

इनका कहना है
हमारे द्वारा कुछ लड़कों को काम पर लगाया गया था उनको हटा दिया गया है जो भी यह कर रहे है हमारे बगल बाले और कुछ मेडिकल संचालित करने बाले है ——–डाक्टर राजेन्द्र सिंह चौहान
कुछ दिनों पूर्व चार लोगों को पूछतांछ के लिए थाने लाया गया था जिसे पूंछतांछ कर हिदायत देकर छोड़ दिया गया था आगे इस तरह की सूचना मिलती है तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी ——-दीपक यादव थाना प्रभारी नौगाँव
यदि आयुर्वेद के डॉक्टर टीबी दवाइयां लिखते हैं तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी ——लखनलाल तिवारी सीएम एचओ छतरपुर

नौगांव मध्यप्रदेश से उमंग शिवहरे की रिपोर्ट

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