📝 हरिकेश मिश्रा इंडियन न्यूज़ टीवी तहसील रिपोर्टर
सीज ‘मां शीतला हॉस्पिटल’ में ऑपरेशन से महिला की मौत: स्वास्थ्य विभाग पर उठे गंभीर सवाल, CMO के आदेश की अवहेलना मेजा खास, प्रयागराज।
प्रयागराज के मेजा स्थित गुनाई गहर पुर में चल रहे मां शीतला हॉस्पिटल के अवैध और खतरनाक संचालन का एक और भयावह नतीजा सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीज किए जाने और अस्पताल का लाइसेंस निरस्त होने के बावजूद, यहां चोरी-छिपे ऑपरेशन किए जा रहे थे, जिसके चलते जमुआ गांव की एक गरीब महिला गुलाबी देवी की दुखद मृत्यु हो गई।
लाइसेंस निरस्त, फिर भी धड़ल्ले से चल रहा था ‘कारनामा’
आपको बता दें कि कुछ समय पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO), प्रयागराज, डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने स्वयं इस अस्पताल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में पाई गई गंभीर अनियमितताओं के कारण उन्होंने अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर (OT) को सीज करने और अस्पताल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश दिया था।
आदेश के बावजूद, अस्पताल के संचालक डॉ. संतोष पांडेय खुलेआम नियमों की अवहेलना कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, वह लगातार अस्पताल में चोरी से ऑपरेशन और नॉर्मल डिलीवरी करवा रहे थे। इसी गैर-कानूनी गतिविधि के दौरान गुलाबी देवी की जान चली गई।
पूर्व में भी हो चुकी हैं मौतें
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पहली घटना नहीं है। मां शीतला हॉस्पिटल में इसके पहले भी कई मरीजों की कथित तौर पर इलाज में लापरवाही या अवैध ऑपरेशन के चलते मौतें हो चुकी हैं।
स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि CMO के स्पष्ट आदेश के बाद भी, मेजा के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत या घोर लापरवाही के कारण यह सीज्ड अस्पताल धड़ल्ले से कैसे चलता रहा? गुलाबी देवी की मौत ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
प्रशासन को इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच करानी चाहिए और दोषी डॉक्टर के साथ-साथ लापरवाह स्वास्थ्य अधिकारियों पर भी कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
मेजा के गुनाई गहर पुर की घटना: जमुआ गांव की गरीब महिला गुलाबी देवी ने तोड़ा दम।
लाइसेंस निरस्त होने और OT सीज होने के बावजूद डॉ. संतोष पांडेय चला रहे थे अस्पताल।