*इटावा रिपोर्ट प्रवीन कुमार इंडियन टीवी न्यूज ब्यूरो चीफ* इटावा बीते मंगलवार जनपद में दो अलग अलग स्थानों पर कोबरा सर्प (नाग औऱ नागिन) का सुरक्षित रेस्क्यू जनपद के सर्पमित्र डॉ आशीष द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। पहली मादा कोबरा नुमाइश पण्डाल के पीछे बसे अवंतीनगर में विजय नारायन यादव की दूध की डेयरी पर बने भूसे के एक कमरे में घुसी हुई थी

जिसको अचानक देखकर व उसकी तेज फुसकार सुनकर कमरे में भूसा लेने गई महिला विरला देवी वहां से तेजी से भाग खड़ी हुई। तब सर्पमित्र डॉ आशीष को फोन पर सूचना दी गई कि,वह सर्प अभी मौके पर मौजूद है हमारी मदद कीजिये । सूचना मिलते ही डॉ आशीष तुरंत ही मौके पर पहुंचे और 5 मिनट मैं ही उस लगभग 4 फ़ीट लम्बी मादा कोबरा सर्प को सुरक्षित पकड़ कर काबू में कर लिया।
प्रत्यक्षदर्शी जितेंद यादव ने बताया कि, हम सभी लोग वह काला सर्प देखकर बेहद ही डरे हुये थे लेकिन डॉ आशीष के द्वारा तुरन्त रेस्क्यू करने के बाद हम लोगों का डर बिल्कुल ही निकल गया है और अब हम सभी सुरक्षित महसूस कर रहे है। वहीं दूसरी ओर शहर से बाहर देर रात्रि लगभग 8 बजे लुहन्ना चौराहे के पास बनी किसान एग्रो इंडिया फ्लोर मिल (आटा मील) में रखी गेहूं की कुछ बोरियों के पीछे एक लगभग 5 से 6 फ़ीट लम्बा खतरनाक नर कोबरा सर्प छिपा बैठा था जिसकी फुसकार सुनकर वहाँ काम कर रहे मजदूर डर कर बाहर भाग आये और काम भी बंद कर दिया।
तभी सूचना पर डॉ आशीष ने देर रात्रि में ही मौके पर पहुँच कर उस नर कोबरा को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित पकड़ लिया । फ्लोर मिल के मालिक बॉबी भदौरिया ने सर्पमित्र डॉ आशीष को सर्प का सफल रेस्क्यू व उनकी सहायता करने के लिऐ विशेष धन्यवाद भी दिया। वही एक अन्य व्यक्ति टिंकू यादव ने डॉ आशीष के आने से पहले अपने मोबाइल से काफी देर बीन की धुन भी बजाई लेकिन वह सर्प बाहर नही निकला।
मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के सक्रिय सदस्य व समूह के यूपी कॉर्डिनेटर एवं वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि, साँप बहरे होते है उन्हें किसी बीन की आवाज सुनाई ही नही देती है वे तो सिर्फ हमारे आपके पैरों की धमक या किसी हिलती हुई चीज पर ही अपनी प्रतिक्रिया देते है। किसी बीन पर सांप कभी नाचते ही नही है यह तो लोगों का सिर्फ एक भ्रम मात्र ही है। उन्होंने बताया कि,कोबरा सर्प में बेहद ही खतरनाक जानलेवा न्यूरोटॉक्सिक जहर मौजूद पाया जाता है । इसके किसी इंसान को काट लेने से मात्र 10 से 20 मिनट में ही उसकी दर्दनाक मृत्यु भी हो ही जाती है अतः ध्यान रहे किसी अन्य प्रकार के जहरीले सर्प, जैसे करैत या रसल वाइपर के भी दंश से पीड़ित होने पर किसी भी व्यक्ति को सही समय पर उपचार न मिलने से उसकी असमय मृत्यु भी हो सकती है । अतः
कृपया तत्काल ही बिना समय गंवाये ही उस पीड़ित व्यक्ति या महिला को किसी निकट अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड ले जाकर एडमिट करायें।
डॉ आशीष के अनुसार इस समय सभी जगह बीते दो से तीन माह के अंतराल के बाद अब सर्प हाइबरनेशन (शीत निद्रा) से बाहर आने लगे है अतः रात्रि में या कहीं भी अंधेरे में जाते वक्त अब सभी लोगों को बेहद ही सावधान रहने की आवश्यकता भी है । मेरा निवेदन है कि, घर मे भी पुराना समान रखे हुये एरिया में हो या घर के बाहर कहीं भी हों हमेशा जूते पहनकर व एक टोर्च साथ लेकर ही निकले, यदि कभी कोबरा या करैत की बाइट (सर्पदंश) हो भी जाये तो कृपया आस पास किसी भी झाड़ फूंक कर ढाक बजाने वाले ढोंगी या किसी सरसों पढ़कर फेंकने वाले तांत्रिक के पास भूलकर भी न जायें अन्यथा आपके मरीज की जान नही बचेगी । विदित हो कि, जनपद इटावा में सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी के द्वारा लोगो को लगातार जागरूक करते रहने का एक बहुत बड़ा असर हो चुका है कि, अब लोगो ने सर्पों को मारना ही छोड़ दिया है अब सभी डॉ आशीष को लगातार कॉल कर उनके सहायता नम्बर 7017204213 पर सूचना देने लगे है। प्रकृति की जैवविविधिता में संतुलन बनाये रखने में लोगों के द्वारा किये जा रहे इस विशेष सहयोग के लिए डॉ आशीष ने सभी को वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्य कर रही अपनी संस्था *ओशन* की ओर से विशेष धन्यवाद दिया है।* है।