त्रिलोकी नाथ ब्यूरो चीफ गया
इंडियन टीवी न्यूज चैनल
परम पूज्य वात्सल्य मूर्ति श्रमण मूर्ति श्री 108संस्कार सागर जी मुनिराज का गया की पावन धरती पर भव्य मंगल प्रवेश।
गया।परम पूज्य वात्सल्यमूर्ति श्रमण मुनि श्री 108 संस्कार सागर जी मुनिराज का बृहस्पतिवार को गया जी की पावन धरती पर बैंड-बाजों,ढोल-नगाड़ों के बीच भव्य मंगल प्रवेश हुआ। कलेक्ट्रेट के पास जैन समाज के सैकड़ो लोगों ने मुनि श्री का चरण स्पर्श कर पाद प्रक्षालन किया। जगह-जगह पर रंगोली सजाकर पुष्प वर्षा के साथ जैन श्रावकों ने मुनि की आगवानी करते हुए जयकारा लगाया। वहीं महिला मंडली द्वारा पारंपरिक परिधानों से सुसज्जित होकर नृत्य प्रस्तुत करते हुये जैन मुनि की मंगल आरती की।जैन मुनि कलेक्ट्रेट से बड़ा पोस्ट, ऑफिस, जीबी रोड, छता मस्जिद, केपी रोड, शहिद रोड,बजाज रोड टावर चौक सहित विभिन्न मार्गो से होते हुए दिगंबर जैन मंदिर पहुंचे,जहां उनका फूल बरसा कर जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान मुनि श्री की वंदना के लिए लोग घंटों इंतजार करते रहे। दिगंबर जैन मंदिर में जैन मुनि ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि चातुर्मास केवल साधु संतों के लिए नहीं बल्कि हर व्यक्ति के होता है। धर्म, ध्यान व अध्यात्म के मार्ग पर चलने का यह विशेष समय है। इन चार माह में हर व्यक्ति को धर्म- भक्ति, संयम- साधना के पथ पर अग्रसर होना होगा। हम सभी को चातुर्मास के नियमों का पालन कर लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चातुर्मास गया जी मे होना बड़े ही पुण्य का संयोग है। क्योंकि गया जी की पावन भूमि ज्ञान और मोक्ष की धरती है, जहां पर ऋषि- मुनियों एवं तपस्वियों ने तप और साधना कर ज्ञान प्राप्त किया। ऐसे दिव्य और पवित्र भूमि को हम शत-शत वंदन- अभिनंदन करते हैं। बता दें कि जैन मुनि गिरिडीह के मधुबन से गया जी में चातुर्मास करने के लिए पधारे हैं।जहां वे चार महीनों तक साधना, ध्यान,जप-तप, जिनवाणी का पाठ एवं जैन श्रद्धालुओं को प्रवचन देंगे।
मौके पर दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष अजीत छाबड़ा, उपाध्यक्ष विकास पाटनी, कोषाध्यक्ष हर्ष काला, मंत्री हेमंत पाटनी, सह मंत्री अर्पित पाटनी, राजकुमारी गंगवाल, संतोषी गंगवाल आशा सेठी, मोनिका अजमेरा एवं पिंकी कला समेत बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित थे।