सीसीएल प्रबंधन की लापरवाही से फसल बरबाद:ग्रामीण

नरेश सोनी हजारीबाग संवाददाता।

सीसीएल प्रबंधन की लापरवाही से फसल बरबाद:ग्रामीण

चरही : सीसीएल क्षेत्र के तापिन साउथ परियोजना के नजदीक रह रहे ग्रामीणों में सीसीएल प्रबंधन के प्रति रोष है। यहां के स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की सीसीएल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से हमारी फ़सल को नुकसान हो रहा है। दरअसल मामला यह है की तापिन साउथ परियोजना के ओ बी से निकलने वाली गैस से ग्रामीणों की फ़सल को भारी नुकसान हो रहा है।ग्रामीणों का कहना है की हर मौसम में हमलोगों को यहां कई तरह का दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन अभी बरसात के समय में जो वर्षा हो रही है उससे गैस का रिसाव हो रहा है जो की पेट्रोल और डीजल जैसे इंधन की तरह महकता है। जहां पर हम रह रहे हैं खेती कर रहे हैं परियोजना यहां से कुछ दूरी पर है और ऐसे में हमलोग को यहां इस दुर्गंध से सांस लेने में भी दिक्कत होती है। यहां रह रहे सुखराम टुडू का कहना है की हमलोग के पास कोई रोजगार नहीं है और हमलोग यहां के विस्थापित हैं साल भर में इस मौसम में हमलोगों के द्वारा खेती की जाती है और हम ग्रामीण इस पर ही निर्भर रहते हैं। उनका कहना है की गैस रिसाव के कारण हमें तथा हमारे बच्चों को कई तरह की परेशानी होती है।बच्चे जल्दी जल्दी बीमार पड़ जाते हैं और जल्दी ठीक भी नहीं होते हैं।उनका कहना है की कई बार इस बात से जनप्रतिनिधि जैसे मुखिया,पंचायत समिति सदस्य के साथ जाकर परियोजना पदाधिकारी और सीसीएल महाप्रबंधक को अवगत करवाया है लेकिन सबके द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जाता है।अभी भी ग्रामीणों की खेतों की स्थिति देखी जा सकती है जहां धान के बिछड़े,बादाम,अरहर,मूंग तथा मकई की फसल मर कर सुख गई है। ग्रामीणों के अनुसार उनको यहां पीने के पानी की भी समस्या है और खेती के लिए भी पर्याप्त जलस्रोत नहीं है।इन सभी समस्या पर सीसीएल प्रबंधन को ध्यान देने की आवश्यकता है। आपको बता दें की ओ बी कोयला निकालने के क्रम में जो पत्थर निकलता है सीसीएल उसे एक जगह जमा करती है और धीरे धीरे वो पहाड़ नुमा आकार ले लेता है और कभी कभी ऐसा होता है जब इनके बीच से धुआं की तरह कुछ निकलता है जो गैस की तरह महकने लगता है।

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