
नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग
दारू आंचल का कारनामा। वार्ड सदस्यों के मोहर और हस्ताक्षर कर प्रमाणित किया गया वंशावली से नहीं बनेंगे छात्र-छात्रों के आय, जाती ,आवश्यक प्रमाण पत्र ।
दारू आंचल से नहीं बनेंगे स्थानीय लोगों के वार्ड सदस्य से प्रमाणित किया गया कोई भी काम।
दारू आंचल निर्वाचित वार्ड सदस्यों के पावर को किया सीज।
क्या वार्ड सदस्यों से ज्यादा जानते हैं मुखिया स्थानीय लोगों के बारे में।
हजारीबाग/ दारू: इन दिनों वार्ड सदस्यों के पावर सीज करने में एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं दारू अंचल पदाधिकारी । छात्र-छात्राओं और वार्ड सदस्यों, प्रज्ञा केंद्र संचालकों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है, कि वार्ड सदस्यों द्वारा स्थानीय छात्र-छात्राओं के आय, जाती , आवासीय प्रमाण पत्र में वंशावली की सत्यापन कराया हुआ फॉर्म को रद्द करते हुए सैकड़ो बच्चों का सर्टिफिकेट रद्द किया और किया जा रहा है । यह सिलसिला मई और जून के महीने में अधिकतर किया गया। आवासीय और जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने में वार्ड सदस्यों के द्वारा जो हस्ताक्ष और मोहर किए जाते हैं । उसे दरकिनार करते हुए मुखिया से प्रमाणित करने का आदेश दिया। ऑनलाइन किया गया सर्टिफिकेट को रद्द किया । इस पर प्रज्ञा केंद्र संचालकों से ज्यादा बच्चे हताश और परेशान हैं। डबल खर्च का उठा रहे हैं बेझ। सर्टिफिकेट के लिए बार-बार प्रज्ञा केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं । दोबारा सर्टिफिकेट में वंशावली वेरिफिकेशन करने के लिए मुखिया का इंतजार कर रहे हैं। दोबारा ऑनलाइन करने के लिए ₹30 रुपए सर्टिफिकेट का और फॉर्म में फिर से पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं बच्चों, लोगों, व्यक्तियों को । इसके जिम्मेवार कौन होगा ? छात्रों ने दर-दर भटक भटक कर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। सारे स्कूल – कॉलेजों में पढ़ रहे बच्चों जैसे कक्षा 8,9,10,11, 12 पार्ट वन पार्ट 2 सारे बच्चों का रिजल्ट आ चुका है । हर बच्चा अपना नॉमिनेशंस के लिए पहला स्थान कॉलेज, स्कूल में रखना चाहता है। पर आंचल दारू यहां पर बाधा बनकर उत्पन्न हुए हैं। प्रज्ञा केंद्र संचालकों की शिकायत है कि इसकी सूचना हम प्रज्ञा केंद्र संचालकों को नहीं दी गई है। कि आप फॉर्म ऑनलाइन करते हैं और फॉर्म रिसीव करते हैं तो वार्ड सदस्यों से नहीं मुखिया से वंशावली में साइन , मोहर करवा करके ही ले अन्यथा आपकी सर्टिफिकेट रद्द कर दिया जाएगी । आगे आरोप लगाया कि हम प्रज्ञा केंद्र संचालकों को बदनाम करने का साजिश रची है दारू आंचल। सर्टिफिकेट रद्द किए जाने के कारण अच्छा छात्राओं और वार्ड सदस्यों के साथ दारू आंचल द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है। और छात्र – छात्रों के भविष्य के साथ खेल किया जा रहा है। इसका जवाब देही कौन होगा? क्या सरकार इस प्रकार का चिट्ठी, सूचना जारी किया है दारू प्रखंड या दारू आंचल को लेकर जिसमें वार्ड सदस्यों के साइन और मोहर द्वारा प्रमाणित किया हुआ वंशावली निरस्त किया जाए। क्या स्थानीय वार्ड सदस्यों से ज्यादा स्थानीय लोगों के बारे में जानते हैं? क्या अपने वार्ड के लोगों को वेरीफाई नहीं कर सकतें ? क्या जनप्रतिनिधियों में से वार्ड सदस्यों को पावर, हस्ताक्षर, मोहर, विलुप्त करने का षड्यंत्र रचा है? दारू आंचल से कितने सवाल हैं । जो बच्चों के भविष्य के लिए उठती है। और लोकतंत्र के बनाए गए तमाम कानून को ध्वस्त करती है, दारू आंचल के कारनामों से। इसी लिए वार्ड सदस्यों की चुनाव की गई है। क्या होगी इन लोगों के साथ? क्या मुखिया के पास हर कोई कार्य के लिए जाना होगा सीओ के अनुसार? सीईओ से कौन जवाब तलब करेगा? क्या सरकार इसका जवाब देगी। क्या चुनाव निर्वाचन आयोग इस पर किसी प्रकार का अमल करेगी? ऐसे सवालों के घेरे दारू प्रखंड और दारू आंचल के द्वारा उत्पन्न हो रहे हैं। सर्टिफिकेट रद्द किए जा रहे हैं , बच्चों के । देखना होगा इस पर कब सुधार लाया जाता है, बताना चाहूंगा लोगों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है, बच्चों द्वारा शिकायत किया जा रहा है। कि हम सब का सर्टिफिकेट बड़ी संख्या में रद्द की गया है। और 15 से 20 दिन तक हमारे सर्टिफिकेट को होल्ड में रखा जाता है। 1 तारीख से ऑनलाइन किया गया सर्टिफिकेट को अभी तक देखा नहीं गया कर्मचारियों के द्वारा । निर्गत करने के समय सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया जाता है । फिर से दोबारा एक महीने का समय लगता है।