राज मिश्रा (सिंगरौली)
कभी भी ले सकती है ज्वालामुखी का रुप , आखिर कौन होगा जिम्मेदार
कचनी में चला 10 घंटे तक चक्काजाम, आधी रात को उठा मृतक का शव
सिंगरौली। सिंगरौली में सड़क दुर्घटनाओं ने आम जनता को झकझोर कर रख दिया है। आए दिन मौत का तांडव सिंगरौली में हो रहा है अब तो जन आक्रोश का ज्वाला उगल रहा है जिस तरीके से जनता में जन आक्रोश फैल रहा है वह कभी भी विकराल रूप लेते हुए ज्वालामुखी की तरह फट सकता है अगर समय रहते प्रशासन आगाह नहीं हुआ तो कुछ भी हो सकता है और इसका जिम्मेदार कौन कहलाएगा। बीते बुधवार को कचनी विजय बंधु पेट्रोल के पास एक युवक की मौत हो गई थी मौत के बाद तकरीबन 10 घंटे तक चक्का जाम चला और आधी रात को युवक का शव सड़क से उठाया गया।
गौर तलब हो कि सिंगरौली में कोल वाहनो के साथ-साथ हैवी वाहनों से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं के चलते सिंगरौली की धरती खून की प्यासी हो गई है और बलि लेने में कोई और कसर नहीं छोड़ रही हैं। और दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है प्रतिदिन हो रही घटनाओं के चलते घरों के चिराग बूझ रहे हैं और किसी न किसी का सुहाग उजड़ रहा है माता की गोद सूनी हो रही है और पुत्र पुत्री से पिता का साया उठ रहा है आखिर यह सब कब तक होता रहेगा। या फिर इस तरह की घटना अनवरत जारी रहेगी। जिले के बैढ़न, सरई, बरगवा और जियावन क्षेत्र में अधिकांश घटनाएं घटित हो रही है उसकी सबसे बड़ी वजह यह बताई जाती है कि इस क्षेत्र में कोयला वाहनों की आवाजाही मुख्य कारण माना जा रहा है। हैवी वाहनों की धमा चौकड़ी के चलते घटनाएं कारित हो रही है और इन घटनाओं पर लगाम कसने में जिला प्रशासन और पुलिस महकमा कहीं ना कहीं उदासीन रवैयां अपना रहा है। जिसके वजह से घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। इधर बता दें कि माडा़ थाना क्षेत्र के बंधौरा चौकी के गडाखाड मैं सड़क दुर्घटना के बदौलत जन आक्रोश ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी। वही सरई बाजार में इसी माह एक बस ने बाइक सवार तीन युवकों को टक्कर मारते हुए बाइक को आधा किलोमीटर तक घसीटा था जिसमें बाइक जलकर खाक हो गई थी वहीं घटनास्थल पर एक की मौत हो गई थी और दूसरा बाइक चालक का इलाज अभी भी जबलपुर में चल रहा है उस दौरान भी रात्रि में सरई थाने का घेराव ग्रामीणों ने किया था। आखिर रोज़ हो रही घटनाएं आम जनता को झकझोर कर रख दिया है और जनता पुलिस व जिला प्रशासन को सचेत कर रही है आखिर इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस पहल की जाए। लेकिन पुलिस व जिला प्रशासन घटना कारित होने के बाद आम जनता का विरोध प्रदर्शन को देखकर कई वायदे करती है लेकिन जब सड़क से शव उठ जाता है तो यही पुलिस व प्रशासन सभी वायदे को भूल जाता है आखिर यह सब कब तक चलता रहेगा या फिर जनता का जन आक्रोश कभी ज्वालामुखी का रूप न ले ले इसके पहले पुलिस व जिला प्रशासन को कोई ठोस निर्णय लेना होगा ताकि घटनाओं पर लगाम कसा जा सके।
*10 घंटे तक रोड पर पड़ा रहा मृतक का शव*
कथुरा निवासी विनय पांडेय पिता संतोष पांडेय उम्र 22 वर्ष की विजय बंधु पेट्रोल पंप के सामने कचनी मैं एक ट्रक से एक्सीडेंट होने के चलते घटना स्थल पर दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद जन आक्रोश की ज्वाला इस कदर भड़की की देखते-देखते हजारों की तादात में लोगों का हुजूम उमड पडा। चक्का जाम के साथ-साथ जन आक्रोश में ट्रक में पेट्रोल डाल दिया शीशे तोड़ दिए और मोरवा टीआई उमेश प्रताप सिंह के हाथ में पत्थर लग गया। विरोध के स्वर को प्रशासन ने भी भांप लिया था। स्थिति तनाव पूर्ण हो चुकी थी। मुख्य मार्ग पर मृतक विनय पांडे का शव 10 घंटे तक पढ़ा रहा और कोई निष्कर्ष नहीं निकल पा रहा था लोगों की मांग थी कि कोल वाहन मुख्य मार्ग से बंद कराया जाए। बताया जाता है कि आधी रात को मृतक का शव सड़क से उठाया गया। वही दो दिन पूर्व परसौना में इसी तरह की घटना हुई थी जहां एक दूध वाले की मौत हो गई थी। आखिर जनता कितना बर्दाश्त करें। प्रशासन सोचने समझने को तैयार नहीं है ऐसा ना हो कि जनता का आक्रोश जिला प्रशासन व पुलिस को कहीं भुगतना न पड़ जाए।
*क्या मुआवजा है सॉल्यूशन*
सिंगरौली में कोई सड़क दुर्घटना होती है तो सबसे पहले मुआवजा को लेकर बात की जाती है कितना मिलेगा और कितना दोगे, जब तक इतना नहीं मिलेगा तब तक सड़क से शव नहीं उठाएंगे। आखिर यह क्या हो रहा है। मौत की कीमत महज 2 से 4 लाख रुपए जिला प्रशासन लगा रहा है। कब तक हम सब बिकते रहेंगे। इसलिए सतर्क और सावधान होने की जरूरत है। मौत की कीमत पैसे से नहीं लगाई जा सकती है जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मंथन करने की जरूरत है कि आखिर सड़क दुर्घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है और किसी की जिंदगी को कैसे बचाया जा सकता है। नहीं तो हम ऐसे बिकते रहेंगे और खरीददार खरीदते रहेंगे।