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मनी लॉन्ड्रिंग केस:प्रवर्तन निदेशालय ने चौथी बार अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए समन किया, इससे पहले तीन बार वे जांच एजेंसी के सामने नहीं हुए हैं पेश

 

मनी लॉन्ड्रिंग केस:प्रवर्तन निदेशालय ने चौथी बार अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए समन किया, इससे पहले तीन बार वे जांच एजेंसी के सामने नहीं हुए हैं पेश

 

देशमुख पर एंटीलिया केस में गिरफ्तार बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे ने भी वसूली के गंभीर आरोप लगाए हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लांड्रिंग की जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके बेटे को अगले सप्ताह अपने सामने पेश होने के लिए नया समन जारी किया है। इससे पहले शुक्र्वार को हाईकोर्ट ने ED द्वारा दर्ज मनी लांड्रिंग की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज आपराधिक मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण के लिए अनिल देशमुख की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह देशमुख की अर्जी पर सुनवाई तीन अगस्त को करेगी।
72 वर्षीय देशमुख और उनके बेटे हृषिकेश देशमुख को 2 अगस्त को ED के दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया है। यह अनिल देशमुख को ED का चौथा समन है। इससे पहले वे तीन समन के बावजूद ED के सामने पेश नहीं हुए हैं। तीनों बार उनकी जगह उनके वकील इंद्रपाल सिंह बलयार्ड एस्टेट स्थित ED ऑफिस पहुंचे थे। उन्होंने संक्रमण और बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए देशमुख के लिए छूट मांगी थी। उनके बेटे और पत्नी को भी पिछली बार पूछताछ बुलाया गया था, लेकिन वे भी पेश नहीं हुए हैं।
इस मामले में देशमुख के PA संजीव पलांडे और PS कुंदन शिंदे को अरेस्ट किया था, दोनों फिलहाल केंद्रीय एजेंसी की कस्टडी में हैं। इन पर आरोप हैं कि ये इन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग में देशमुख की मदद की थी। देशमुख ने ED की पूछताछ से बचने के लिए एक पत्र लिखा था।
ED ने जब्त की थी देशमुख की दो प्रॉपर्टी
इसी मामले में 15 दिन पहले देशमुख और उनके परिवार की 4.2 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया गया था। इसमें नागपुर का एक फ्लैट और पनवेल की एक जमीन शामिल है। इसी मामले में देशमुख के PA संजीव पलांडे और PS कुंदन शिंदे को अरेस्ट किया था, दोनों फिलहाल केंद्रीय एजेंसी की कस्टडी में हैं।
ED की कार्रवाई से बचने के लिए देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट का रुख भी किया था, हालांकि वहां से भी उन्हें अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। ED पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाए 100 करोड़ की वसूली के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है। देशमुख द्वारा लगातार पेशी से बचने के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि अनिल देशमुख क्या गिरफ्तारी से बचने के लिए यह कदम उठा रहे हैं।
अनिल देशमुख ने अपने पत्र में कहा था

मैंने आपके द्वारा 25 जून को भेजे समन का पूरा पालन किया और एक अधिकृत व्यक्ति (वकील) को जरूरी सभी दस्तावेज के साथ आपके सामने भेजा। इसके बावजूद मीडिया में पेशी को लेकर गलत धारणाएं बनाई जा रही हैं।

मैं एक मास पॉपुलर लीडर रहा हूं और पूरा जीवन जनता की सेवा में बिताया है।

मैं पहले भी यह बता चुका हूं कि मेरे खिलाफ जो भी आरोप हैं वह एक ऐसे शख्स द्वार लगाए गए हैं, जो पहले से गंभीर आरोप में फंसा है और जिस पर केंद्र के कहने पर काम करने का आरोप लगा है।

मैं खुद भी आरोप के पीछे का झूठ उजागर करना चाहता हूं। बिना उचित दस्तावेज के मैं आपके सवालों का जवाब देने में सक्षम नहीं हूं, इसलिए मुझे ECIR की एक प्रति उपलब्ध करवाई जाए।

72 साल का होने और आयु से संबंधित बीमारियों से पीड़ित होने के बावजूद आपने मुझे 25 जून को बुलाया और ED के कई अधिकारियों ने बिना सोशल डिस्टेंसिंग के मुझ से कई घंटे की पूछताछ की है। उम्र और स्वास्थ्य के कारण, मुझे कोविड-19 से संक्रमित होने का ज्यादा खतरा है।

परमबीर सिंह के आरोप के बाद शुरू हुई है जांच
यह मामला देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों से जुड़ा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब ढाई महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था।
इस केस में ED की टीम ने करीब 10 से 12 बार मालिकों के भी बयान दर्ज किए हैं। इसके बाद तलोजा जेल जाकर बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे का भी बयान दर्ज किया है।

Bureau Chief-
साकिब हुसैन
INDIAN TV NEWS
मुंबई
www.indiantvnews.in

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