बाढ़ पीड़ित महाराष्ट्र को बड़ी राहत:राज्य सरकार ने घोषित किया 11,500 करोड़ रुपए का राहत पैकेज, बारिश की वजह से 21 जिले प्रभावित हुए और 300 लोगों की हुई थी मौत
मुंबई
इस साल भारी बारिश की वजह से 21 जिले प्रभावित हुए और 300 लोगों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार ने राज्य के बाढ़ पीड़ितों और भूस्खलन प्रभावित लोगों के लिए 11,500 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद का पैकेज घोषित किया है। मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में राहत पैकेज के बारे में निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने राहत पैकेज की घोषणा करने के साथ ही कहा कि नुकसान बहुत ज्यादा हुआ है। किसान, व्यापारी, उद्योजक, दुकानदार, मजदूर और सामान्य लोग बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा से पिछले डेढ़ वर्षों में प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि परिस्थिति की गंभीरता के मद्देनजर हमेशा के निष्कर्षों से अधिक मदद करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। महत्वपूर्ण है कि महाज और चिपलून में इस साल बाढ़ व भूस्खलन से अत्याधिक तबाही हुई है। यही वजह है कि यहां बाढ़ नियंत्रण के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित कर उनकी रिपोर्ट के अनुसार विशिष्टि, गांधारी और सावित्री नदी के किनारे व भीतर से किचड़ निकाल कर मॉडेल स्टडी के आधार पर तीन वर्ष के भीतर संरक्षण दीवार निर्माण करने का आदेश राज्य सरकार ने दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 11,500 करोड़ रुपए के घोषित पैकेज में से 1500 करोड़ रुपए मदद कार्यों के लिए, 3000 करोड़ रुपए पुनर्निर्माण संबंधित कार्यों के लिए और 7000 करोड़ रुपए सौम्यीकरण उपाय योजनाओं के लिए आवंटित किया गया है।
रस्तों और पुलों की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को चाहिए 2,224 करोड़ रुपए
लोक निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चव्हाण ने बाढ़ व भूस्खलन की वजह से बर्बाद हुए रस्तों और पुलों की मरम्मत के लिए 2,224 करोड़ रुपए की निधि की मांग पहले ही की हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य में करीब 4,138 रास्तों एवं कॉजवे और पुल को नुकसान पहुंचा है। अस्थायी मरम्मत के लिए 290 करोड़ रुपए की निधि और स्थायी मरम्मत कार्यों के लिए करीब 1,935 करोड़ रुपए की निधि की जरूरत है।
मंत्रिमंडल की बैठक में बाढ़ के प्रकोप को रोकने के लिए ये निर्णय लिए गए
कोंकण के लोक निर्माण विभाग सहित अन्य योजनाओं को तीन वर्षों में पूरा किया जाए।
कोयना टेलरेस पानी के संबंध में मुंबई लिंक प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर पर अभ्यास कर तीन महीने में निर्णय लिया जाए।
भूस्खलन की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेषज्ञों व प्रशासन की समिति गठित कर तीन के भीतर रिपोर्ट तैयार की जाए।
कोंकण की 26 नदियों में बाढ़ की चेतावनी देने वाला आरटीडीएस प्रणाली तीन महीने में स्थापित की जाए।
Bureau Chief-
साकिब हुसैन
INDIAN TV NEWS
मुंबई
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