अकरम खान पटेल की रिपोर्ट
आमला बरसात का मौसम शुरू हो चुका है और क्षेत्र में बनी कई पुल-पुलियों पर सुरक्षा दीवार या रेलिंग न होने से जानलेवा हादसों का खतरा बना हुआ है। भले ही सड़कों का निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से हुआ हो, लेकिन सुरक्षा इंतजामों की अनदेखी से वाहन चालकों की जान जोखिम में पड़ी हुई है।
विशेषकर चंद्रभागा नदी सहित अन्य पुल-पुलियों पर रेलिंग नहीं होने के कारण, तेज बारिश में जब पुलों पर पानी बहने लगता है, तब वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के समय इन पुलों से गुजरना बेहद खतरनाक हो जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी गंभीर स्थिति
ग्रामीण इलाकों में भी यही हाल है। नरेरा निवासी महेश यादव ने बताया कि छीपन्या-पिपरिया मार्ग पर स्थित पुलिया पर रेलिंग न होने के कारण अब तक कई बाइक चालक गिरकर घायल हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन का ध्यान अब तक इस ओर नहीं गया है।
बारिश में दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा खतरा
बारिश के समय सबसे अधिक परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को होती है। पुल-पुलियों पर रेलिंग न होने और सड़क पर फिसलन के चलते वे संतुलन खो बैठते हैं, जिससे गंभीर हादसे हो जाते हैं।
पहले भी हो चुके हैं जानलेवा हादसे
क्षेत्र में बारिश के दौरान कई दुखद घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले वर्ष नरेरा-छीपन्या मार्ग की एक पुलिया से ऑटो बह गया था, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी। वहीं ग्राम सोनतलाई में एक युवक पानी में बह गया था, जिसका शव एसडीआरएफ ने अगले दिन बरामद किया था। इसके बावजूद संबंधित विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इनका कहना है
संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा ताकि जल्द से जल्द पुल-पुलियों पर रेलिंग लगवाई जा सके।
शैलेन्द्र बड़ोनिया
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) आमला