बैतूल से अकरम खान पटेल की रिपोर्ट।
आमला सीएम राइज स्कूल, आमला में प्राचार्य द्वारा बिना जीएसटी और कच्चे बिलों पर की गई खरीदी तथा मेंटेनेंस कार्यों में शासन के नियमों की अनदेखी करने को लेकर वाणिज्य कर (सेल टैक्स) विभाग ने जांच शुरू कर दी है। इस पूरे मामले की शिकायत मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय और वाणिज्य कर विभाग दोनों सक्रिय हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2022-23 में शासन से प्राप्त बजट राशि का दुरुपयोग किया गया। बिना किसी टेंडर या कोटेशन के सामान खरीदा गया और फर्जी बिल तथा वाउचर लगाकर राशि खर्च होना बताया गया। यह स्पष्ट रूप से शासन के वित्तीय नियमों का उल्लंघन है।
रेत, गिट्टी, मुरम की खरीदी में भारी गड़बड़ी
बताया जा रहा है कि स्कूल प्रबंधन ने रेत, गिट्टी और मुरम जैसी निर्माण सामग्री की खरीदी में फर्जी बिलों का सहारा लिया। उदाहरण के लिए, गिट्टी की कीमत ₹4,400 प्रति ट्रॉली, रेत ₹4,800 प्रति ट्रॉली और ईंट के बिल ₹5,200 तक दर्शाए गए, लेकिन किसी भी बिल में जीएसटी का उल्लेख नहीं है। यह खरीदी बिना किसी पारदर्शिता के की गई, जो सीधे तौर पर नियमों की अवहेलना है।
वेल्डिंग वर्क और अन्य सामग्री की खरीदी में फर्जीवाड़ा
आरोप यह भी है कि वेल्डिंग कार्यों पर लाखों रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन इन कार्यों के बिलों में जीएसटी शामिल नहीं था। वाउचरों पर रेवेन्यू टिकट भी नहीं लगाए गए। इसके अतिरिक्त स्टेशनरी, ब्लैकबोर्ड, फिनाइल, प्लास्टिक मग, आदि सामग्रियों की खरीद अलग-अलग दुकानों से अधिक दाम पर की गई, जिनके बिल भी संदिग्ध हैं।
जाच शुरू, जवाब तलब
जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर 28 जुलाई से 31 जुलाई तक गठित जांच दल द्वारा स्कूल की खरीद संबंधी दस्तावेजों की समीक्षा की गई। इसके बाद 5 अगस्त को वाणिज्य कर विभाग, बैतूल ने भी मौके पर जाकर जांच की। जांच दल के सदस्य डी. एन. हारोडे ने बताया कि स्कूल प्रबंधन से लिखित जवाब मांगा गया है, जिसके आधार पर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।
इनका कहना है
शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को की गई थी। उनके कार्यालय द्वारा समिति गठित की गई, जिसने मेरे समक्ष जांच की। समिति प्रतिवेदन तैयार कर डीईओ कार्यालय को सौंपेगी।
धर्मेंद्र साहू