नरेश सोनी इंडियन टीवी न्यूज
हजारीबाग में, प्रसिद्ध समाजसेवी संजर मलिक के ससुर और नवाबगंज के सम्मानित नागरिक, कैसुरुल हसन खान का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे रांची के ऑर्किड हॉस्पिटल और बाद में रिम्स में इलाजरत थे, जहाँ उन्होंने देर रात लगभग 2:30 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से हजारीबाग और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई।
गरीबों की सेवा और धार्मिक कार्यों के लिए याद किए जाएंगे।
कैसुरुल हसन खान उपायुक्त कार्यालय में ऑफिस सुप्रिटेंडेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अपने जीवनकाल में उन्होंने सामाजिक और धार्मिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
तकिया मजार मस्जिद के निर्माण में उनका विशेष योगदान रहा।
वे गरीबों और जरूरतमंदों की मदद को अपनी प्राथमिकता मानते थे।
वे मोहब्बते अहले बेत के प्रबल पैरोकार थे और हर साल ज़िक्रे अहले बेत की महफ़िल का आयोजन करते थे। उन्होंने अपने बेटों को यह परंपरा जारी रखने की नसीहत दी थी।
अंतिम विदाई और परिवार
आज शाम 5 बजे, असर की नमाज़ के बाद, खिरगांव कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और बड़ी संख्या में शहरवासियों ने भाग लिया, जिन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनके परिवार में तीन बेटे और एक बेटी हैं।
बड़े बेटे फ़िरोज़ खान नवाबगंज में शिक्षक हैं।
मंझले बेटे अफ़रोज़ खान न्यूज 11 के एडिटर हैं।
छोटे बेटे अमजद खान गूगल कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं।
उनके भतीजे जियाउल हसन खान पूर्व में पटना के आईजी रह चुके हैं।
शहरवासियों ने उनके लिए दुआएं की हैं कि अल्लाह उन्हें जन्नत में आला मकाम अता फरमाए और उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में धैर्य प्रदान करे।