फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। थाना क्षेत्र से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर दो ऐसे कट हैं जो पिछले एक दशक से जानलेवा साबित हो रहे हैं। राधा कृष्ण मंदिर कट और एएनए कट नाम के ये दोनों स्थान हर गुजरते साल के साथ हादसों की दर्दनाक कहानी लिखते आ रहे हैं। स्थानीय लोगों, व्यापारियों और राहगीरों की बार-बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन और संबंधित विभागों ने आज तक इन खतरनाक कटों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर राधा कृष्ण मंदिर के पास बना यह कट फतेहगंज पश्चिमी कस्बे को जोड़ता है। यहाँ से रोजाना सैकड़ों दोपहिया और चारपहिया वाहन गुजरते हैं। हाईवे पर तेज रफ्तार ट्रकों और कंटेनरों के बीच स्थानीय लोग जब इस कट से सड़क पार करते हैं, तो हर पल हादसे का खतरा बना रहता है। इस कट पर छोटे-मोटे हादसे तो रोज ही होते हैं, वहीं यहां हुए बड़े हादसों की भी एक लंबी लिस्ट है। जून 2019 में फतेहगंज पश्चिमी थाने के दरोगा राजवीर सिंह और हेड कांस्टेबल रजनीश दिवाकर इसी कट से बाइक से कस्बे में अंदर दाखिल हो रहे थे तो रामपुर की ओर से बरेली की तरफ आ रही तेज रफ्तार ऑडी कार ने टक्कर मार दी थी, जिसमें दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। दूसरा कट, जो एएनए कट के नाम से जाना जाता है, रबड़ फैक्ट्री के पास स्थित है, जिसे राधा कृष्ण मंदिर कट से भी अधिक खतरनाक बताया जाता है। ट्रकों और भारी वाहनों की लगातार आवाजाही के बीच यह कट सड़क सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह असुरक्षित है। यहाँ अक्सर वाहन अचानक मुड़ जाते हैं या सड़क पार करने की कोशिश करते हैं, जिससे सामने से आ रहे वाहन चालकों को ब्रेक लगाने तक का मौका नहीं मिलता। इस कट पर हुए सबसे बड़े हादसों की बात करें तो 31 मई 2022 को हुए सड़क हादसे का मामला सामने आता है, जिसमें एंबुलेंस से दिल्ली से लौट रहे 7 लोगों की मौत हुई थी। एंबुलेंस अनियंत्रित होकर इसी कट पर डिवाइडर से टकराई और उसके परखच्चे उड़ गए थे। इस घटना पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने भी दुख जताया था। बाद में दिल्ली और लखनऊ की टीम जांच करने आई थी, लेकिन इस कट की ओर किसी का ध्यान नहीं गया।राधा कृष्ण मंदिर कट से मात्र 600 मीटर आगे रहपुरा अंडरपास है, जहां से कस्बे के अंदर जाने के लिए पूरी तरह सुरक्षित मार्ग उपलब्ध है। वहीं, एएनए कट से थोड़ा आगे माधोपुर अंडरपास मौजूद है, जो दोनों ओर से ट्रैफिक के लिए पर्याप्त चौड़ा और उपयोगी है। इन दो खतरनाक कटों को बंद कर ट्रैफिक को पास के अंडरपास से डायवर्ट किया जा सकता है, जिससे दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी।
पवन पाण्डेय
ITN National
जिला संवाददाता बरेली