अकरम खान पटेल की रिपोर्ट।
आमला। नगर के सरकारी अस्पताल में एम्बुलेंस सेवा बंद होने से मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। अस्पताल में उपलब्ध सरकारी एम्बुलेंस चालक की कमी के कारण नहीं चल पा रही है, जिसके चलते आपात स्थिति में मरीजों को मजबूरन 108 सेवा का इंतज़ार करना पड़ता है। कई बार 108 एम्बुलेंस देर से पहुंचती है, जिससे परिजन महंगे किराए पर निजी एम्बुलेंस लेने को मजबूर हो जाते हैं और आर्थिक बोझ बढ़ जाता है।
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार अस्पताल में केवल एक ही ड्राइवर उपलब्ध है, जो 24 घंटे ड्यूटी नहीं दे सकता। इस वजह से सरकारी एम्बुलेंस का नियमित संचालन संभव नहीं हो पा रहा है।
इसी अव्यवस्था का फायदा अस्पताल परिसर में खड़ी निजी एम्बुलेंसें उठा रही हैं। सूत्रों के अनुसार एक ही व्यक्ति की लगभग 9 निजी एम्बुलेंसें संचालित हो रही हैं, जो जरूरतमंद मरीजों से मनमाना किराया वसूल रही हैं।
एम्बुलेंस व्यवस्था की इस बदहाली से आमजन में तीखी नाराज़गी है। लोगों का कहना है कि जब अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हैं, तो गंभीर मरीजों का उपचार कैसे संभव होगा?
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि सरकारी एम्बुलेंस सेवा को तत्काल सुचारू किया जाए, ताकि मरीजों को राहत मिल सके।
इनका कहना है
“निजी एम्बुलेंस संचालक को कई बार चेतावनी दी जा चुकी है कि अस्पताल परिसर में निजी एम्बुलेंस खड़ी न करें। अगर इसके बाद भी नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो निजी एम्बुलेंस संचालक पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।”
*— अशोक नरवरे, बीएमओ, आमला*