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jaipur: जेलों में मैस के लगे ताले, भूखे रहकर ड्यूटी कर रहे जेलकर्मी, इस वजह से कर रहे आंदोलन

जयपुर न्यूज: जेलों में मैस पर इन दिनों ताले लटके हुए नजर आ रहे हैं. भूखे रहकर जेलकर्मी ड्यूटी कर रहे हैं. वेतन विसंगति की मांग पर जेलकर्मी आंदोलनरत हैं.Jaipur: राजस्थान की जेलों में मैस पर ताले लटक गए. वेतन विसंगति की मांग पर आंदोलनरत जेलकर्मी बुधवार से मैस बहिष्कार पर चले गए हैं. जेलकर्मियों ने अन्न त्याग के बाद अब भूखे रहकर जेल ड्रूयूटी करने का ऐलान किया है. जेलकर्मियों ने आर-पार की लड़ाई शुरू की है और मांगें नहीं माने जाने तक अन्न नहीं ग्रहण करने का ऐलान किया है.राज्य के जेल महकमें में कार्यरत जेलकर्मी वर्ष 1998 से वेतन विसंगति की मार झेल रहे हैं. जेल विभाग में प्रहरी से मुख्य प्रहरी पद का वेतनमान 1988 से 1998 तक पुलिस विभाग के कांस्टेबल व हेड कॉन्स्टेबल के बराबर था. किंतु वित्त विभाग के एक मार्च 1998 में आदेश जारी कर पुलिस कार्मिकों का वेतनमान संशोधन किया . इस संशोधन के बाद जेल विभाग के कार्मिकों के वेतनमान में असमानता उत्पन्न हुई.इस वेतन विसंगति को दूर करने की मांग पर राज्य के सभी जेलों के कार्मिक आंदोलनरत हैं. वर्दी में अनुशासित होने के कारण जेलकर्मी अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले आंदोलन पर उतरे हैं.सरकार से समझौते हुए, लेकिन नहीं हुई पालना अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 2017 में सभी जेल कार्मिकों के मैस का बहिष्कार कर भूखे रहकर ड्यूटी करने के बाद राज्य सरकार व विभाग के उच्च अधिकारियों के बीच 9 जुलाई 2017 में लिखित समझौता में जेल कार्मिकों के वेतन का पुलिस विभाग के समान किए जाने की सहमति दी गई थी. जिसकी पालना आज तक नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि इसके बाद दिनांक 13 जनवरी 2023 से कर्मचारी महासंघ एकीकृत के बैनर तले राज्य के समस्त समस्त कर्मचारियों द्वारा मैस का बहिष्कार कर अन्न का त्याग कर ड्यूटी की. मुख्यमंत्री ने 18 जनवरी को 2023 को जेल DG भूपेंद्र कुमार दक एवं जेल प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता हुई. जिसमें गृह सचिव वी.सरवन कुमार, प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार, cm सलाहकार आरती डोगरा, वित्त सचिव अखिल अरोड़ा व cmo के अन्य अधिकारियों के साथ जेल कार्मिकों की विभिन्न मांगों पर सकारात्मक सहमति एवं आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया.आश्वासन के साथ ही जेल कार्मिकों के द्वारा मैस बहिष्कार तोड़ा.मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख का आश्वासन देते हुए वर्ष 1998 से चली आ रही वेतन विसंगति को अविलम्ब दूर करने के निर्देश -आदेश दिए. इस सम्बंध में मुख्यमंत्री के अधिकारिक सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इन्स्टाग्राम) पर भी ने उक्त संदेश को प्रसारित किया गया. इसी तरह 24 अप्रैल को भी दोबारा cm आवास जयपुर जेल कार्मिकों ने एक ज्ञापन देकर ध्यान आकर्षण किया. जिसके संबंध में आज दिनांक तक भी वेतन विसंगति दूर होने का आदेश प्रसारित नहीं होने के कारण समस्त कारागृह कार्मिकों में भारी रोष व्याप्त है.अब राज्य के सभी जेल कार्मिक महासंघ (एकीकृत) के बैनर तले अनुशासन में रहते हुए 13 जून से 1 सप्ताह तक राज्य की समस्त कारागृहों पर समस्त कार्मिकों द्वारा अनुशासित तरीके से ड्यूटी पर रहकर वर्दी पर काली पट्टी बांधकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. गांधीवादी तरीके से अनशन
जेल कार्मिकों के वेतनमान विसंगति का निराकरण नहीं होने के कारण दिनांक 21.06.2023 से राज्य की समस्त कारागृहों पर पदस्थापित जेल सुरक्षा कार्मिकों द्वारा अनिश्चितकाल तक काली पट्टी बांधकर सांकेतिक रूप से मैस का बहिष्कार कर अन्न का त्याग करते हुये अनुशासन में रहकर अपने कर्त्तव्य का पूर्णतया निर्वहन करते हुये कारागृहों पर ड्यूटी करेंगें तथा गांधीवादी तरीके से अनशन किया जायेगा. जब तक जेल कार्मिकों के वेतनमान संशोधन के सम्बन्ध में वित्त विभाग द्वारा समुचित निर्णय लिया जाकर जेल कार्मिकों के वेतनमान संशोधन सम्बन्धी आदेश प्रसारित नहीं किये जायेगें तब तक जेल कार्मिकों द्वारा यथावत विरोध जारी रहेगा.

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