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भगवान के जन्म उपरांत निकाली गई भव्य शोभायात्रा

लोकेशन जतारा
जिला ब्यूरो
महेंद कुमार दुबे

अतिशय क्षेत्र आदिश्वर धाम जतारा के शांति विद्या नगर में चल रहे भव्य पंचकल्याणक महा महोत्सव के तीसरे दिन भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव संपन्न किया गया ।अयोध्यापुरी में भगवान के जन्म कल्याणक की क्रियाएं संपन्न की गयीं ।
प्रातः काल सर्वप्रथम इंद्र द्वारा प्रतिष्ठा मंडल की तीन परिक्रमा दी गई, जन्म के संस्कार होते ही प्रभु तीर्थंकर के जन्म की घोषणा हुई सारा नगर जय जय कारों से गूंज उठा। भगवान का जन्म होते ही, स्वर्ग लोक में सोधर्म इंद्र का सिंहासन कंपायमान मान हुआ, सोधर्म इंद्र को अपने अवधि ज्ञान से पता चला कि अयोध्या नगरी में तीर्थंकर बालक का जन्म हो चुका है ।
सोधर्म इंद्र, अपने दल-वल सहित ऐरावत हाथी पर सवार होकर अयोध्यापुरी पहुंचता है । शची इंद्राणी द्वारा बालक को गर्भ ग्रह से लाया गया और अपने स्वामी सौधर्म इंद्र को सोपा गया, सोधर्म इंद्र तीर्थंकर बालक को अपने ऐरावत हाथी पर सवार करके भगवान के जन्माभिषेक के लिए विशाल जुलूस के साथ पांडुक शिला की ओर चल देता है । विशाल जुलूस विद्या शांति नगर से प्रारंभ होकर संपूर्ण नगर में भ्रमण करता हुआ रेस्ट हाउस रोड पर निर्मित पांडुक शिला स्थल पर पहुंचा जहां तीर्थंकर बालक का इंद्रों 1008 कलशों से जलाभिषेक संपन्न किया गया ।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे ।

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