आदिवासियों के जल जंगल मकान जमीन के मालिकाना हक की माग

आदिवासियों के जल जंगल मकान जमीन के मालिकाना हक की माग

सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय

सोनभद्र। देश में आदिवासियों के विरोध में वन सर संशोधन अधिनियम 2023 लागू करके आदिवासियों को बड़े पैमाने पर बेदखल करने एवं विकास के नाम पर आदिवासियों का जल जंगल मकान और जमीन के मालिकाना हक एवं अधिकार से वंचित करने के विरोध में जनपद सोनभद्र मुख्यालय राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के बैनर तले धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया गया द्वारा जिलाधिकारी जनपद सोनभद्र जिसमे की संसद द्वारा असविधान कानूनों पर तत्काल रोक लगा कर सवैधनिक कानून व्यवस्था के अनुसार अधिकार सुरक्षित संरक्षित करने की मांग की !
इस कार्यक्रम की अगुवाई कर्ता भगवानदास गौड़ जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद
धरना प्रदर्शन में संगोष्ठी संबोधित करते हुए विवेक सिंह पटेल /अध्यक्ष जय सरदार भीम सेना आदिवासियों का जल जंगल जमीन का अधिकार हैं जो की उनका अधिकार छीना जा रहा है प्रकृति के संरक्षक आदिवासी ही हैं जिसमें कि देश के संविधान के साथ छेड़छाड़ कर देश में अधिकारों का हनन किया जा रहा है जिसको कतई बर्दाश्त करने की योग्य नहीं है और पांचवी छठवीं सूची वर्तमान सदन में लागू किया जाए नहीं तो आने वाले समय पर आंदोलन बृहद रूप प्रदर्शन करेगा!
भगवानदास गौड़ जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद वलक्ष्मी नारायण पटेल राष्ट्रीय पिछड़ा मोर्चा जिला संयोजक सोनभद्र ने संयुक्त रूप से कहा कि हमारे अधिकारों का हनन किया जा रहा है आदिवासियों के संविधान को 2023 में वर्तमान सरकार ने बदल दिया है जिसको लेकर हम लोग आहत हैं हम वर्तमान सरकार से मांग करते हैं कि हमारा पूर्ण अधिकार जो पहले से लागू था उसे ही लागू किया जाए 2023 में जो संविधान संशोधन करके गलत कानून पास किया गया जिसे देश के सारे आदिवासी समाज देशभर में विरोध कर रहे हैं हमारे पूर्वजों द्वारा जिस जमीन पर पट्टा था उसे पट्टे को वर्तमान सरकार ने आधे से अधिक लोगों का खत्म कर दिया है जो की आज आदिवासियों के पास रहने तक की जगह नहीं बची हम आदिवासी जन अपने अधिकार की मांग करते हैं अगर हमारा अधिकार नहीं मिला तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी इस सरकार की होगी प्रशासन की होगी!
उक्त अवसर उपस्थित रामचंद्र टेकाम, राजबली सिंह श्याम, प्रदीप मौर्या, रमेश गौतम,विश्वनाथ सिंह, राजाराम, रामकिशनू, रामप्रसाद चेरो, रामसागर खरवार, अमरजीत खरवार, छोटेलाल, रूप नारायण, सविता, केवली, गुलाबी इत्यादि सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

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