नदीम अहमद पत्रकार इंडियन टीवी न्यूज़ मऊ उत्तर प्रदेश
जनपद मऊ के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के जनपद स्तरीय समिति की बैठक संपन्न।
खाद्य सुरक्षा मानकों के प्रति उपभोक्ताओं को करें जागरूक, सुरक्षा मानकों का करें अधिक से अधिक प्रचार प्रसार – जिलाधिकारी
समय सीमा उपरांत तत्काल लाइसेंस कराएं रिनीवल,अन्यथा एफआईआर के साथ 10 लाख रुपए तक लग सकता है जुर्माना – जिला अधिकारी।
आज जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के जनपद स्तरीय समिति की बैठक संपन्न हुई।बैठक के दौरान अभिहित अधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा ने बताया कि वित्तीय वर्ष के माह अगस्त में कुल 107 छापे के दौरान 109 नमूने संग्रहित किए गए। वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से अब तक कुल 122 जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें 43 अधोमानक, 19 असुरक्षित, 12 मिथ्या छाप पाए गए। इस प्रकार कुल 74 नमूने मानक के अनुरूप नहीं मिले। इसी प्रकार ए ओ कोर्ट में 103 एवं न्यायिक न्यायालय में 22 मुकदमे दर्ज हुए जिनमे ए ओ कोर्ट से 26 वादों का निर्णय हुआ। वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से अब तक 18 लाख 92 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया गया। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत सरकारी संस्थानों से संबंधित लाइसेंस एवं पंजीकरण में आबकारी विभाग हेतु निर्धारित लक्ष्य 287 के सापेक्ष अब तक 149, खाद्य रसद विभाग के निर्धारित लक्ष्य 1030 के सापेक्ष 593 तथा बाल विकास पुष्टाहार में निर्धारित लक्ष्य 9 के सापेक्ष कोई भी लाइसेंस अथवा पंजीकरण की कार्रवाई नहीं की गई। इस प्रकार आबकारी विभाग में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 138, खाद्य रसद विभाग के 437 तथा बाल विकास पुष्टाहार विभाग के अभी भी 9 लक्ष्य अवशेष हैं। जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष लाइसेंस एवं पंजीकरण की कार्रवाई शत प्रतिशत पूर्ण करने के निर्देश दिए। स्टेट फूड सेफ्टी इंडेक्स 2024-25 में सुधार हेतु जनपद को दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष समय सीमा बीतने के उपरांत भी तहसील सदर में 37 एवं मुहम्मदाबाद गोहना में 35 लाइसेंस के नवीनीकरण न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। खाद्य सुरक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान जिला अधिकारी ने समय सीमा बीतने के उपरांत भी लाइसेंस का नवीनीकरण न करने वाले खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच कर एफ आई आर करने के साथ ही अधिकतम निर्धारित 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाने को कहा, जिससे समय रहते प्रतिष्ठान लाइसेंस का नवीनीकरण करा ले। उन्होंने लाइसेंस /पंजीकरण हेतु कैंप का आयोजन करने तथा निरीक्षण कार्यों का संबंधित ऐप पर अपलोड भी समय से सुनिश्चित करने को कहा। जिलाधिकारी ने अभिहित अधिकारी को लाइसेंस एवं पंजीकरण में वृद्धि करने के साथ ही साथ खाद्य सुरक्षा मानकों के प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने खाद्य सुरक्षा से जुड़े लोगों एवं व्यापारियों के बीच भी नियमों का प्रचार प्रसार करने को कहा एवं उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर घरेलू सिलेंडर प्रयोग किए जाने पर भी रोक लगाने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
औषधि विभाग की समीक्षा के दौरान औषधि निरीक्षक ने बताया की इस वित्तीय वर्ष में अगस्त माह तक कुल 57 निरीक्षण फुटकर औषधि विक्रय लाइसेंस हेतु किए गए।इसके अलावा नियम 51 के तहत कुल 56 निरीक्षण किए गए। निरीक्षण के सापेक्ष पाई गई कमियों के आधार पर कुल 35 लाइसेंस निरस्त किए गए। इस दौरान कुल 157 000 मूल्य की औषधियां भी सीज की गई। संग्रहित नमूनों में प्राइवेट अस्पतालों से 61 एवं सरकारी अस्पतालों से कुल 15 नमूने संग्रहित किए गए, जिनमें एक अधो मानक पाया गया। वित्तीय वर्ष में अब तक एक परिवाद दायर किया गया। अब तक जनपद के न्यायालयो में कुल 24 परिवाद दायर किए गए हैं। जिलाधिकारी ने न्यायालय में दर्ज सभी परिवादो की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश औषधि निरीक्षक को दिए,जिससे दायर वादों की मजबूत पैरवी कर गलत कार्यों में लिप्त लोगों को दंड दिलाया जा सके। उन्होंने औषधि निरीक्षक को दवा विक्रेताओं के साथ बैठक कर नियमों से भी अवगत कराने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह, अभिहित अधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा,मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र सिंह यादव, औषधि निरीक्षक राघवेंद्र सिंह,जिला पूर्ति अधिकारी विकास गौतम, जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत सिंह सहित समस्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी उपस्थित रहे।