श्रीराम विवाह की झांकी देख मंत्रमुग्ध हुए श्रोता महायज्ञ के तीसरे दिन श्री राम-सीता का हुआ विवाह
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
आचार्य सूर्यलाल मिश्श्र के नेतृत्व में भू-देवों महिलाओं ने गाया बधाई गीत सोनभद्र। नगर के आरटीएस क्लब मैदान में चल रहे श्रीराम चरितमानस नवाह्न पाठ महायज्ञ के तीसरे दिन वृहस्पतिवार को श्री राम जानकी के विवाह की झांकी निकाली गई। आचार्य सूर्यलाल मिश्र के नेतृत्व में महिलाओं ने एक से बढ़कर एक बधाई गीत गाया। बाद महिलाओं में प्रसाद के रुप में श्रृंगार सामग्री वितरित की गई।
शिव धनुष भंग होते ही लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए। बाद माता जानकी व भगवान श्रीराम ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाला।
आचार्य सूर्यलाल मिश्र ने गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीराम चरितमानस के बालकांड की चौपाइयां सुनायी। बाद राम-लक्ष्मण व परशुराम संवाद, राजा दशरथ के पास जनक जी का दूत भेजना, अयोध्या से बारात का प्रस्थान, बारात का जनकपुर में आना और स्वागत आदि, सीता राम विवाह, अयोध्या लौटना और अयोध्या में आनंद आदि प्रसंगों का संगीतमय गायन मुख्य व्यास एवं भूदेवो ने किया। राजा जनक के रूप में विनय अग्रवाल और उनकी धर्मपली सुनैना के रूप में श्रीराम की कृपा विधि के उपरांत पाव पखारकर कन्यादान करने के रस्म को निभाया।
रात्रि प्रवचन में प्रसिद्ध कथा व्यास नीरज जी भैया ने राम जन्म की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि नारद मुनि ने भगवान को श्राप दिया था, उसी आप के कारण भगवान का अवतार रावण के वध के लिए हुआ। साथ ही उन्होंने विभिन्न प्रकार के सोहर और भजनों को गाया, जिस सुनकर उपस्थित श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने कहा कि राम जी के जन्म का कारण मनु और शतख्या की तपस्या थी। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सत्यपाल जैन, महामंत्री सुशील पाठक, अशोक मिश्रा, धर्मवीर तिवारी, इंद्रदेव सिंह, कृष्ण मुरारी गुप्ता, रवि अग्रवाल, बिरखा अग्रवाल, संगम गुप्ता, कृपा नारायण मिश्रा, मिठाई लाल सोनी, राकेश त्रिपाठी, अजीव रावत, अवधेश पांडेय, प्रशांत जैर, राहुल पाठक, हर्षवर्धन केसरवानी आदि मौजूद रहे