जरूरत है देश के नौजवानों को काम पर लगाने की,ना कि उनको राशन के लिए कतार में…
कुछ दशक पहले एक गीत बना था जिसमें कहा गया था!हम होंगे कामयाब,हम होंगे कामयाब एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,हम होंगे कामयाब एक दिन।हम चलेंगे साथ-साथ डाल हाथों में हाथ हम चलेंगे साथ-साथ, एक दिन,मन में है विश्वास,पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन लेकिन अब वो दिन ओर वो साथ साथ चलने का नजरिया नजर नही आ रहा है!सरकार कोई भी हो सिर्फ वह यह चाहती है कि सत्ता बनी रहे, तो उसका पूरा ध्यान पूरी तरह वोट हासिल करने पर रहता है!देश में पिछले कुछ वर्षों से यही देखने में आ रहा है!आजादी के बाद बांध,अस्पताल, शिक्षण संस्थान और सार्वजनिक उपक्रम खड़े किए गए ताकि देश के लोगों को रोजगार मिले और देश की संपदा में इजाफा हो!देश को इसरो और बड़े-बड़े संस्थान देकर विज्ञान पर जोर दिया गया।इससे भारत के कदम आगे बढ़ते गए। मगर पिछले दशक से जनता को सुनहरे अतीत के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है!हमारा अतीत शानदार रहा है,लेकिन आज जमाना कंप्यूटर, इंटरनेट और कृत्रिम मेधा का है।आज आप सिर्फ अतीत के गुणगान से कुछ नहीं पा सकते! जरूरत है विश्व के सबसे युवा देश के नौजवानों को काम पर लगाने की लेकिन हमने उनको राशन के लिए कतार में लगा दिया! लाभार्थी बना कर अपने वोटों की खातिर देश के भविष्य को गर्त में डालना ठीक नहीं है!देश के नोजवानो को आज अच्छी नौकरी दी जाए जिससे उनका भविष्य सुधर सके ना की उन्हें लाइनों पर कतार लगाकर खड़ा करना! हमें यह भी नहीं बोलना चाहिए कि मुफ्त की कोई भी चीज फ्री नहीं होती है उसका भुगतान हमे किसी न किसी टैक्स के माध्यम से चुकाना पड़ता है और हम चुका भी रहे हैं देश की आदि आबादी टैक्स देकर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है,फिर हम क्यों फ्री के चक्करों में पढ़कर लाइनों में खड़े होकर अपना भविष्य खराब कर रहे हैं।
रिपोर्टर रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़