लोकेशन गरियाबंद ग्राम भीरालाट (जोबा)
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, जल जीवन मिशन कितना कारगर ?
हर घर नल–जल का लक्ष्य हर गांव में अधूरा…
ठेकेदारों पर पीएचई के अधिकारी मेहरबान, नतीजा समय पर जल जीवन मिशन का कार्य शून्य अवस्था में…
एंकर : प्रधानमंत्री के सपनो का योजना जल जीवन मिशन पर गांव या जिला ही नहीं बल्कि राज्य में भी इसके कार्य अनियमितताओं पर सवाल उठ रहे हैं, सवालों के दायरे मे पीएचई विभाग, आखिर क्यों नहीं करा पाते समयावधि में कार्य पूर्ण, आज बढ़ती गर्मी के भीषण मार से पानी की किल्लत बढ़ने लगी है और ग्राम भीरालाट के ग्रामीण आधे किलोमीटर तक पानी लेने जाने मजबूर हैं।
3 साल से ठेकेदार द्वारा टंकी का आधा निर्माण करके छोड़ दिया गया है जो आज तक पूरा नहीं किया गया है, यदि अधिकारी की सुने तो उन्होंने बजट का रोना रोकर अपनी विभागीय गाथा प्रकट कर पलड़ा झाड़ लिया।
जल जीवन मिशन से जुड़ी समस्याएं स्थानीय स्तर से उठकर विधानसभा तक गूंज चुकी है किंतु इस लक्ष्य को पूरा करने में आखिरकार ठेकेदार पीछे क्यों हैं,
यही सवाल आज हर आम नागरिक कर रहा है। यदि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के लक्ष्य की हम बात करें तो जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य हर ग्रामीण के घर में वर्ष 2024 तक नल के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की पहुंच बढ़ाना,
जल सुरक्षा को बढ़ावा देना, और जीवन स्तर को सुधारना है। यह मिशन ग्रामीण महिलाओं और बच्चों की जीवनशैली में सुधार लाने के साथ-साथ जल संरक्षण और प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने का भी प्रयास करता है किंतु लक्ष्य के बाद भी आज ग्रामीण पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं।