नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग।
विधायक बजट सत्र में निजी विद्यालयों की मनमानी फीस वसूली पर सदर विधायक उठाया सवाल।
निजी विद्यालयों की मनमानी फीस वसूली अभिभावकों पर भारी बोझ, सरकार करे ठोस कार्रवाई : प्रदीप प्रसाद
हजारीबाग : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भाजपा के सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था और निजी विद्यालयों द्वारा की जा रही मनमानी फीस वसूली के मुद्दे को सदन में प्रमुखता से उठाया। उन्होंने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे, जिनका उद्देश्य छात्रों और उनके अभिभावकों को राहत दिलाना था।
मुख्य बिंदु जो विधायक प्रदीप प्रसाद ने सदन में उठाए
निजी विद्यालयों की मनमानी फीस वसूली विधायक ने सरकार से पूछा कि सीबीआई, आई सी एस ई और जैक बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में फीस संरचना इतनी भिन्न क्यों है?
उन्होंने कहा कि अलग-अलग जिलों में स्थित स्कूलों की फीस में भारी अंतर देखने को मिलता है, जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है विधायक ने यह मुद्दा उठाया कि क्या राज्य सरकार सभी निजी स्कूलों में फीस निर्धारण के लिए कोई,नीति लागू करने पर विचार कर रही है? उन्होंने सरकार से जवाब मांगा कि फीस नियंत्रण के लिए कोई रेगुलेटरी मैकेनिज्म (नियामक तंत्र) स्थापित किया गया है या नहीं। विधायक ने सरकार को याद दिलाया कि माननीय उच्च न्यायालय, झारखंड द्वारा 2017 में पारित आदेश के अनुसार, फीस निर्धारण के लिए एक समिति बनाई जानी चाहिए, जो यह तय करे कि निजी विद्यालय अनुचित तरीके से अधिक फीस न वसूलें। उन्होंने पूछा कि क्या राज्य सरकार ने इस आदेश का पालन किया है और यदि नहीं, तो अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?
विधायक प्रदीप प्रसाद ने सरकार से मांग की कि राज्य के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के हितों की रक्षा के लिए एक समान फीस संरचना लागू की जाए।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार समय रहते ठोस कदम नहीं उठाती, तो हजारों अभिभावकों को निजी विद्यालयों की मनमानी के आगे झुकना पड़ेगा।
सरकार से की गई मांग
निजी विद्यालयों की फीस को नियंत्रित करने के लिए एक नियामक समिति का गठन। सभी सीबीआई,आई सी एस ई और जैक बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए एक समान फीस नीति लागू करने पर विचार। अभिभावकों को आर्थिक रूप से राहत देने के लिए सरकारी हस्तक्षेप। विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि यदि सरकार इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाती है, तो वह जनता के साथ मिलकर इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे।