
नशेड़ी ने खंडहर में फेंकी बच्ची, दिशा पाटनी की बहन मेजर खुशबू पाटनी ने बचाई जान, फिर मां से मिलवाया
बरेली। जंक्शन बरेली पर नशेड़ी की बच्ची सौंपकर दूध लेने चली गई उसकी मां देर तक नहीं लौटी तो नशेड़ी बच्ची को उठा ले गया। उसने बच्ची पुलिस लाइन के एक खंडहर में छोड़ दी जिसके रोने की आवाज सुनकर अभिनेत्री दिशा पाटनी की मेजर बहन खुशबू पाटनी ने उसकी जान बचा ली। दिन भर खुशबू और उनकी मां बच्ची की देखभाल में लगी रही। शाम को पुलिस ने उसकी मां को खोज लिया। इस दौरान जीआरपी की भूमिका निराशाजनक रही।
बिहार के मधुबनी जिला निवासी गुफरान नाम की महिला की शादी बदायूं जिले के बिनावर में अहिरवारा में हुई है। गुफरान रविवार सुबह घर से आठ माह की बच्ची इनायत के साथ ट्रेन से बरेली आई थी। सुबह सात बजे करीब गुफरान जंक्शन पर उतरी। यहां से दूसरी ट्रेन पकड़कर उन्हें अपने मायके बिहार जाना था। इस दौरान बच्ची को भूख लगी तो गुफरान ने उसे जंक्शन पर बैठे एक नशेड़ी युवक को थमा दिया और थोड़ी देर में आने की बात कहकर चली गई। बताते हैं कि करीब आधा घंटे तक नशेड़ी बच्ची को लेकर बैठा रहा। फिर उसकी मां को न आता देखकर बच्ची लेकर रेलवे लाइन किनारे चला गया। वह बच्ची को चौपुला के पास पुरानी पुलिस लाइन के खंडहर पड़े क्वार्टर में छोड़कर चला गया। रिटायर्ड सीओ जगदीश पाटनी (अभिनेत्री दिशा पाटनी के पिता) का आवास पुरानी पुलिस लाइन की दीवार से सटा है। रविवार सुबह उनकी पत्नी पदमा पाटनी घर की सफाई कर रही थीं। उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो स्वीमिंग से लौटी बेटी खुशबू पाटनी को बताया। सेना में मेजर के पद से वीआरएस लेकर करीब साल भर से माता पिता के साथ रह रहीं खुशबू तुरंत ही दीवार कूदकर उस पार गई तो खंडहर में बच्ची रोती मिली। तब उन्होंने मां को भी बुला लिया। बच्ची इनायत जब क्वार्टर में मिली तो वह मिट्टी मे सनी हुई थी। खुशबू ने उसे उठाया और घर लेकर आ गई। यहां खुशबू और उनकी मां ने बच्ची को नहलाकर साफ किया और दूध पिलाया। बच्वी को थोड़ा आराम मिला तो खुशबू ने कॉल करके पिता जगदीश पाटनी को फार्म हाउस से बुला लिया। उन्होंने सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव को सूचना दी और फिर बच्ची को चाइल्ड लाइन की देखरेख में जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती करा दिया गया। फिर कोतवाली पुलिस ने बच्ची के बारे में माइक से सूचना प्रसारण कराना शुरू कर दिया। इससे पहले खुशबू ने बाजार जाकर कुछ कपड़े खरीदे जो बच्ची को पहना दिए। बच्ची के अस्पताल पहुंचने के बाद कोतवाली पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे तलाशने शुरू किए। इस दौरान खुशबू भी साथ में रहीं। उधर, बच्ची की मां गुफरान जंक्शन पर भटकती रही पर जीआरपी या आरपीएफ ने कोई सुध नहीं ली। थक हारकर महिला कोतवाली आई तो उसे बच्ची दिखाकर पहचान कराई गई। गुफरान अपनी बच्ची को पाकर खुशी से फूली न समाई। बच्ची भी मां को देखकर किलक उठी। इसके बाद चाइल्ड लाइन की ओर से बच्ची विधिवत मां को सौंपने के प्रयास शुरू हो गए। बच्ची मिलने की जानकारी मिलने पर जीआरपी इंस्पेक्टर परवेज अली खां गुफराना और उसके पति मुन्ने के साथ चाइल्ड लाइन पहुंचे। वहां प्रक्रिया पूरी करके जीआरपी ने बच्ची को उसके माता-पिता के हवाले कर दिया। बेटी मिलने पर दंपति खुश नजर आए ।।
प्रवन पाण्डेय
जिला संवाददाता बरेली