
नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज ब्यूरो चीफ हजारीबाग।
रोजगार सेवकों, पंचायत सेवकों ने नरेगा अधिनियम के तहत योजनाओं को अवैध निकासी का बनाया जरिया।
करवा रहे हैं जेसीबी मशीन से कार्य और फर्जी डिमांड कर निकलवा रहें हैं भारी भरकम राशि।
दारू प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत में। नरेगा को बनाया 99% प्योर भ्रष्टाचार का केंद्र।
हजारीबाग/दारू: सुत्रों, समाज सेवियों, ग्रामीणों से आरोप है कि मनरेगा में धड़ल्ले से फर्जी डिमांड लगाया जा रहा है। व्यक्ति दिल्ली, मुंबई, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब,रांची, पटना, जमशेदपुर, बोकारो, हज़ारीबाग़, स्कूली बच्चों अस्पताल के कर्मियों। बैंक कर्मियों, बुजुर्गों जो मनरेगा में कार्य नहीं करते हैं। का फर्जी जॉब कार्ड बनाकर फर्जी डिमांड कर यहां के मनरेगा दलालों द्वारा अवैध निकासी किया जा रहा हैं। बताया लगाया जा रहा है कि रोज़गार सेवकों और पंचायत सेवकों का नरेगा को भ्रष्टाचार का केंद्र बनाने बनाने में यहां भूमिका निभा रहे हैं। टीसीपी दारू प्रखंड में भारी संख्या में जेसीबी मशीन के द्वारा खोदा गया, बिरसा सिंचाई खूब कभी टाइपिंग जेसीबी मशीन के द्वारा ही किया गया, और किया जा रहा है। डिमांड वाइज अगर आरटीआई के तहत जियो टैग के साथ फोटो मांगा जाए जिसमें मजदूर काम कर रहे हैं तो इसमें प्रखंड में बौखलाहट हो जाएगा सब की पोल खुलेगी कुछ समझ साबिया का कहना है कि इस आरटीआई के माध्यम से बहुत जल्द मांगा जाएगा। भारी भरकम परसेंटेज प्रखंड के पदाधिकारीयों कनियां अभियंता, पंचायत सचिवों ,रोजगार सेवकों एवं अन्य दलाल ले रहें हैं शामिल है। बताना चाहूंगा चाहे बिरसा सिंचाई निर्माण हो , चाहे डोभा हो, चाहे मिट्टी-मोरम हो, दारू में नरेगा के तहत जो कार्य हो जितनी संख्या में डिमांड की जा रहा है। बड़ी बात यह है कि 5% भी व्यक्ति धरातल पर कार्य नहीं कर रहे हैं । इसका जवाब देही कौन होगा? कब तक भ्रष्टाचार का केंद्र बना रहेगा दारू प्रखंड । प्रखंड के पदाधिकारी को भी जेसीबी मशीन से होते हुए कार्यों के बारे में बताया गया पर नहीं लगा कोई लगाम।