
नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग
जिले में नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन, 65 हजार से अधिक मामलों का हुआ निष्पादन
75 करोड़ से अधिक राशि के दावों पर बनी सहमति, पक्षकारों को मिला त्वरित न्याय
हजारीबाग: शनिवार को हजारीबाग सिविल कोर्ट परिसर में नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूरे झारखंड राज्य में एक साथ ऑनलाइन माध्यम से लोक अदालत का शुभारंभ झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद द्वारा किया गया। उनके साथ न्यायमूर्ति अनुभा रावत भी ऑनलाइन उद्घाटन समारोह में उपस्थित थीं।
यह विशेष अदालत झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (JHALSA) के निर्देश पर आयोजित की गई थी। हजारीबाग में आयोजित इस लोक अदालत में कुल 65,104 मामलों का निष्पादन आपसी सहमति और सुलह के आधार पर किया गया। इनमें प्री-लिटिगेशन के 57,993 और लंबित राजस्व एवं दीवानी न्यायालयों के 7,111 मामले शामिल रहे। इस लोक अदालत में कुल 75 करोड़ 08 लाख 97 हजार 581 रुपये की राशि पर पक्षकारों के बीच समझौता हुआ, जो राज्य में लोक अदालत की प्रभावशीलता को दर्शाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रणजीत कुमार ने की। उनके साथ मंच पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीता श्रीवास्तव, जिला वन पदाधिकारी मौन प्रकाश, हजारीबाग बार संघ अध्यक्ष राजकुमार और उपाध्यक्ष विजय कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
लोक अदालत – त्वरित न्याय का प्रभावी माध्यम इस अवसर पर प्रधान जिला जज रणजीत कुमार ने कहा कि लोक अदालत वैकल्पिक न्याय प्रणाली का एक मजबूत स्तंभ है, जो पक्षकारों को त्वरित, सुलभ और सस्ता न्याय प्रदान करता है। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि लोक अदालत मामलों के निष्पादन में झारखंड देशभर में अग्रणी रहा है।
बार संघ अध्यक्ष राजकुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हजारीबाग बार संघ हमेशा लोक अदालत के आयोजन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाता रहा है और आगे भी न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने में हरसंभव सहयोग देगा। वहीं उपाध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने कहा कि जिन मामलों में पक्षकारों के बीच थोड़ी असहमति हो, वहाँ न्यायिक हस्तक्षेप से समझौते का रास्ता निकल सकता है। न मामलों का हुआ निष्पादन इस नेशनल लोक अदालत में कुल 11 बेंच गठित की गई थी, जिनमें निम्नलिखित मामलों का निष्पादन किया गया: बैंक ऋण वसूली के 604 मामले, सुलहनीय आपराधिक मामले – 226, बिजली से संबंधित मामले – 290
भूमि अधिग्रहण – 1018।मोटर वाहन दुर्घटना दावे – 10। वैवाहिक विवाद – 21, सिविल प्रकृति के मामले – 10। चेक बाउंस – 85, जल बिल एवं अन्य टैक्स – 169, वित्तीय विवाद – 23,598,अन्य विविध मामले – 39,072 । कार्यक्रम का संचालन न्यायिक पदाधिकारी अनुष्का जैन ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री गौरव खुराना ने किया। उन्होंने बताया कि यह लोक अदालत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रणजीत कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य आम लोगों को समयबद्ध न्याय उपलब्ध कराना है।
उन्होंने सभी न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं, कोर्ट कर्मचारियों और उपस्थित पक्षकारों को धन्यवाद देते हुए विश्वास जताया कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन न्याय की प्रक्रिया को आम जन तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होंगे।