बांदा, उत्तर प्रदेश का वह जिला जो इन दिनों देश का सबसे गर्म इलाका बना हुआ है। 46-47 डिग्री तापमान के बीच लोग तपती धूप में जैसे-तैसे अपने दिन काट रहे हैं। पर अफसोस की बात यह है कि इतनी भीषण गर्मी के बावजूद यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं – न बिजली है, न पीने का साफ पानी।
एक तरफ तो बिजली दिनभर आंख-मिचौली खेलती है। दूसरी ओर पानी के नाम पर या तो गंदा पानी नलों से आ रहा है, या फिर लोग मजबूरी में 20-30 रुपये का पानी का डिब्बा खरीद रहे हैं। यानी गर्मी से तड़पते इंसान को अब जीने के लिए भी जेब ढीली करनी पड़ रही है।
सरकारी दावों के बावजूद ज़मीनी हकीकत यह है कि न टंकी से समय पर पानी मिल रहा है, न ही वाटर ATM जैसी कोई राहत उपलब्ध है। और सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सरकार को पहले से पता है कि बुंदेलखंड का यह क्षेत्र हर साल जल संकट और गर्मी की मार झेलता है, तो फिर क्यों नहीं पहले से विशेष तैयारियां की जातीं?
बांदा को आज जरूरत है:
24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की
हर मोहल्ले, कॉलोनी और बस्ती में पीने योग्य साफ पानी की सुविधा की
टैंकर और जल वितरण की निगरानी व्यवस्था की
जिला प्रशासन की सक्रियता और जवाबदेही की
हम यह नहीं कह रहे कि सरकार चमत्कार कर दे, लेकिन कम से कम बुनियादी जरूरतें तो पूरी करे।
रिपोर्ट – ताहिर अली बांदा से